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पीएचइडी विभाग में 543 करोड़ से अधिक की अनियमितता

दरभंगा : जिले के लोक स्वास्थ्य प्रमंडल में छह वर्षों के दौरान 543 करोड़ रुपये से अधिक की अनियमितता का मामला सामने आया है. इसका खुलासा महालेखाकार (एजी) की रिपोर्ट में हुआ है. वित्तीय वर्ष 2008-09 से 2014-15 यानी छह वर्षों के दौरान यह अनियमितता की गयी है. अप्रैल 2008 से लेकर मार्च 2014 के […]

दरभंगा : जिले के लोक स्वास्थ्य प्रमंडल में छह वर्षों के दौरान 543 करोड़ रुपये से अधिक की अनियमितता का मामला सामने आया है. इसका खुलासा महालेखाकार (एजी) की रिपोर्ट में हुआ है. वित्तीय वर्ष 2008-09 से 2014-15 यानी छह वर्षों के दौरान यह अनियमितता की गयी है. अप्रैल 2008 से लेकर मार्च 2014 के बीच में हुए कार्यों के निरीक्षण प्रतिवेदन में लगभग हर मद में अनियमितता बरती गयी है़ जिन गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है,

उनमें विभाग के कई अधिकारी, अभियंता व ठेकेदार जांच के दायरे में आ सकते हैं. चापाकल लगाने से लेकर स्वच्छता अभियान के नाम पर विभाग में जमकर गड़बड़ियां हुई हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, 2008 से लेकर 2014 के बीच नगर जलापूर्ति योजना, केंद्र प्रायोजित संपूर्ण स्वच्छता अभियान, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शौचालय, बाथरूम व यूरीनल कार्य, अनियमित क्रय, ढुलाई मद में अनियमित भुगतान, शहरी क्षेत्र में ड्रेनेज तैयार करने को लेकर डीपीआर, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना, प्राथमिक व मध्य विद्यालय में चापाकल निर्माण, लोआम ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजना, त्वरित ग्रामीण जलापूर्ति योजना, मिनी जलापूर्ति योजना, संपूर्ण स्वच्छता अभियान, निर्माण भारत अभियान योजना, मनीगाछी, राजे, सिंघवाड़ा, कंसी, मनिहास, कुशेश्वरस्थान, बघांत, पंचौभ, सुपौल ग्रामीण जलापूर्ति योजना समेत सौर ऊर्जा आधारित पंप के साथ 165 मिनी जलापूर्ति योजना में भारी गड़बड़ी की गयी है.
लोक स्वास्थ्य प्रमंडल दरभंगा से संबंधित विभिन्न निरीक्षण प्रतिवेदन की कॉपी आरटीआइ के तहत अमित कुमार मंडल ने मांगी थी. वहां से मिली जानकारी की कॉपी व शपथ पत्र के साथ अमित ने गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव को 185 पन्नों के प्रतिवेदन के साथ आवेदन दिया है.
ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा अप्रैल 2008-9 से मार्च 2014-15 के बीच तक ऑडिट
मुख्य सचिव को भेजी गयी रिपोर्ट की कॉपी
ग्रामीण से लेकर शहरी जलापूर्ति योजना तक में
पकड़ी गयी
गड़बड़ी
सोलर लाइट आधारित ग्रामीण जलापूर्ति योजना में भी अनियमितता
कार्य से अधिक ठेकेदारों को कर दिया गया भुगतान
कस्टम व एक्साइज ड्यूटी तक काटना भूल गया विभाग
आर्सेनिक प्रभावित क्षेत्रों को भी नहीं बख्शा
जलापूर्ति योजना में सबसे अधिक गड़बड़ी
मनीगाछी के राजे ग्रामीण जलापूर्ति योजना का काम 1.98 करोड़ व सिंघवाड़ा जलापूर्ति योजना का कार्य 87 लाख 93 हजार 300 रुपये में होना था. लेकिन, दोनों योजनाओं में कई गड़बड़ी सामने आयी है. मनीगाछी में मीटर पाइप मापी का भुगतान कार्य से अधिक किया गया. एक्साइज डयूटी वसूली नहीं किये जाने से 6.90 लाख का अधिक भुगतान किया गया. कुशेश्वरस्थान ग्रामीण जलापूर्ति योजना में 19.01 लाख व बघांत ग्रामीण जलापूर्ति योजना में 36.64 लाख का अनियमित भुगतान किया गया. पंचोभ व सुपौल जलापूर्ति योजना में लगभग 10 लाख का अनियमित भुगतान हुआ. मिनी जलापूर्ति योजना में 67.20 लाख रुपये का अनावश्यक प्रावधान कर भुगतान कर दिया गया. केंद्र प्रायोजित राष्ट्रीय पेयजल कार्यक्रम के तहत 330 पंचायतों में 412.40 लाख की अनियमितता पकड़ी गयी है.

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