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बसस्टैंड में लगा एक फीट पानी

आंधी-पानी. बािरश से शहर के नालों की साफ-सफाई की खुली पोल बीती रात तेज आंधी के साथ हुई वर्षा से जलसंकट से जूझ रहे लोगों को जहां राहत मिली, वहीं कई निचले इलाकों में सड़कों पर जल जमाव से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. बारिश ने शहर के नाले के साफ-सफाई की पोल खोल […]

आंधी-पानी. बािरश से शहर के नालों की साफ-सफाई की खुली पोल

बीती रात तेज आंधी के साथ हुई वर्षा से जलसंकट से जूझ रहे लोगों को जहां राहत मिली, वहीं कई निचले इलाकों में सड़कों पर जल जमाव से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. बारिश ने शहर के नाले के साफ-सफाई की पोल खोल दी है.
दरभंगा : तेज आंधी-बारिश से शहर के करीब आधा दर्जन से अधिक निचले क्षेत्र वाले मोहल्लों में पीसीसी सड़क डूब गयी हैं. जाम पड़े नालों एवं पॉलीथिन से अवरूद्ध नालों की सफाई में शनिवार सुबह से ही सफाई कर्मी लगे थे. इसके बावजूद कई मुहल्लों का पानी कम नहीं हुआ था. वार्ड नंबर 27 में खान चौक से पश्चिम की सड़क पर करीब डेढ़ फीट पानी जमा है.
यही स्थिति रहमखां तथा आसपास के मोहल्लों की है. पिछले सप्ताह जलनिकासी के लिए खान चौक के पास जेसीबी से नाले की खुदाई हुई थी. इसी क्रम में बीएसएनएल का 1000 लाइन वाले दो महत्वपूर्ण केबुल कट गया था. इससे विगत छह दिनों से शहर के आधा से अधिक भाग के सभी बेसिक फोन एवं इंटरनेट सेवा प्रभावित है. जलजमाव के कारण अभंडा मोहल्ला की स्थिति भी नारकीय हो गयी है.
सड़क के दोनों किनारे नाला की जमीन अतिक्रमित होने से जलनिकासी की कोई व्यवस्था नहीं है. फलत: उस सड़क पर ही एक से डेढ़ फीट पानी जमा है. ऐसी ही स्थिति वार्ड नंबर 17 के गांधीनगर कटरहिया, चूनाभट्ठी, बेला इंस्डस्ट्रियल स्टेट आदि मुहल्लों की है. मेयर गौड़ी पासवान ने बताया कि तीनों जोन प्रभारियों एवं वार्ड जमादारों को जाम पड़े नालों की सफाई कर शीघ्र जलनिकासी के निर्देश दिये गये हैं. उन्होंने बताया कि अधिकांश नालों में पॉलीथीन से जलनिकासी अवरूद्ध है. इसकी सफाई कर जलनिकासी के प्रयास में सफाई कर्मी लगे हुए हैं.
नरक में तब्दील हुआ कादिराबाद बस स्टैंड
दरभंगा. बारिश से ही कादिराबाद बस स्टैंड परिसर नरक में तब्दील हो गया है. बस स्टैंड में प्रवेश करने वाली सड़क पूरी तरह डूब गयी है. स्टैंड के पश्चिमी भाग में आधा से अधिक हिस्से में एक फीट से अधिक जलजमाव है. जहां खरंजा दिख रहा है, उन स्थानों पर बसें खड़ी है. ऐसी स्थिति में स्टैंड में प्रवेश करने के लिए कीचड़मय पानी को पार करते ही आगे बढ़ा जा सकता है. स्टैंड के पूर्वी भाग में जहां खरंजा समतल है,
वहां दूरगामी बसें (रांची, टाटा, सिल्लीगुड़ी, पूर्णियां आदि) लगी हुई हैं. शेष भाग में कीचड़-पानी पार कर ही लोग अपने गंतव्य स्थान तक जाने वाली बसों में बैठते हैं. दरभंगा क्षेत्रीय विकास प्राधिकार ने करीब 20 वर्ष पूर्व यहां बस स्टैंड शुरू करने से पूर्व बस स्टैंड के चारों ओर जलनिकासी के लिए नाला निर्माण कराया था. स्टैंड के पश्चिमी-दक्षिणी भाग में सार्वजनिक शौचालय बनाये गये थे. लेकिन स्टैंड के दुकानदारों ने नालों को अतिक्रमित कर दुकानें बना ली. इसके कारण पिछले चार-पांच वर्षों से उन नालों की सफाई नहीं हो रही है. कई नाले तो पूरी तरह भर दिये गये. ऐसी स्थिति में जलनिकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से हल्की वर्षा के बाद ही स्टैंड परिसर टापू में तब्दील हो जाता है. बता दें कि लनामिवि एवं दरभंगा नगर निगम के बीच इस परिसर को खाली कराने को लेकर विगत कई वर्षों से विवाद चल रहा है.

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