कल्याण विभाग में 2.5 करोड़ का गोलमाल स्थानांतरण के बाद भी नाजिर ने नहीं दिया प्रभारडीएम ने नाजिर पर प्राथमिकी दर्ज कराने का दिया आदेशदरभंगा. कल्याण विभाग के जिला मुख्यालय में करीब ढाई करोड़ की राशि के गोलमाल को लेकर आरोपित नाजिर सागर कुमार राय पर प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश डीएम ने दिया है. साथ ही जिला कल्याण विभाग के नजारत को एक पखवाड़ा पूर्व ही सील करा दिया है. सूचना के मुताबिक अबतक इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी है. बताया जा रहा है कि जिला कल्याण पदाधिकारी ने संबंधित कर्मी नाजिर पर प्राथमिकी दर्ज कराने के लहेरियासराय थाना गये थे, लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी है. क्या है मामलाजिला कल्याण विभाग के तत्कालीन नाजिर सागर कुमार राय का अगस्त माह में तबादला हाजीपुर कर दिया. उसने बिना प्रभार दिये ही यहां से विरमन कराकर हाजीपुर में योगदान कर लिया. कई बार पत्र लिखकर प्रभार देने का पत्र उन्हें दिया गया. बावजूद उन्होंने प्रभार नहीं दिया. इसी बीच छात्रवृत्ति वितरण आदि की वैकल्पिक व्यवस्था के तहत दूसरे कर्मी रामगणित कुंवर को प्रभारी नाजिर के रूप में काम करने का निर्देश दिया. इस वैकल्पिक इंतजाम के तहत कार्रवाई चल रही थी. इसी बीच तत्कालीन नाजिर सागर कुमार राय ने अपना तबादला दरभंगा प्रमंडल कार्यालय में करा लिया. इसके बाद भी उन्होंने प्रभार नहीं सौंपा. डीएम के आदेश पर नजारत सीलघपले की संभावना और प्रभार नहीं देने के अड़ियल रवैया को देखते हुए जिला कल्याण पदाधिकारी ने डीएम को स्थिति से अवगत कराया. बताया जाता है कि इसी बीच भारतीय स्टेट बैंक की दरभंगा शाखा से कल्याण विभाग के पदाधिकारी का हस्ताक्षरित 19 लाख का चेक भुगतान के लिए प्रस्तुत किया गया. बड़ी रकम निकासी को देखकर बैंक अधिकारी ने जिला कल्याण पदाधिकारी सत्येंद्र नारायण चौधरी को फोन कर पूछा तो उन्होंने ऐसे किसी चेक जारी करने से साफ इनकार कर दिया. इतना सुन बैंक वालों ने भुगतान पर तत्काल रोक लगाते हुए अगले आदेश तक कोई भुगतान नहीं किया. मामला बढ़ते देख जिला कल्याण पदाधिकारी ने डीएम को जानकारी देते हुए मामले में कार्रवाई का अनुरोध किया. मामले की गंभीरता को देखकर डीएम ने मजिस्ट्रेट की तैनाती कर कल्याण के नजारत को एक पखवाड़ा पूर्व सील बंद करा दिया. दो वित्तीय वर्षों में हुई यह घपलेबाजीअधिकारी की नाक के नीचे होता रहा खेलदरभंगा. जिला कल्याण विभाग में करीब ढाई करोड़ के घपले का मामला पिछले दो वित्तीय वर्ष का है. कार्यालय सूत्रों की मानें तो मामला छात्रवृत्ति के वित्तीय अनियमितता का है. इस मामले में करीब ढाई करोड़ रुपये का हिसाब किताब अधूरा है. बताया जाता है कि कैश बुक की इंट्री प्रतिदिन होनी चाहिए, कार्यालय प्रधान और नाजिर के साथ साथ कार्यालय के अधिकारी कैशबुक की जांच पड़ताल कर जमा निकासी व शेष रोकड़ का हिसाब रखते हैं. लेकिन इस मामले में नाजिर और प्रधान सहायक ने लापरवाही दिखायी और मन माफिक राशि की निकासी की. अधिकारी ने भी इसकी खोजबीन नहीं की या कही जाये कि उन्होंने भी इसमें सहभागिता दिखायी. कार्यालय सूत्रों की मानें तो प्रधान सहायक और नाजिर आपस में रिश्तेदार भी हैं. सो दोनों कि मिलीभगत से इस घपले काे अंजाम दिया गया. इस घपलाबाजी के मामले में खास बात यह रही कि यह पूरा वाकया वर्त्तमान जिला कल्याण पदाधिकारी सत्येंद्र नारायण चौधरी के कार्यावधि का है. चर्चा है कि उनकी कार्यप्रणाली पूर्व से ही संदेह के घेरे मेे रही है. बहरहाल मामला प्रकाश में आते ही इस घपले की चर्चा आम हो गयी है.
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कल्याण विभाग में 2.5 करोड़ का गोलमाल
कल्याण विभाग में 2.5 करोड़ का गोलमाल स्थानांतरण के बाद भी नाजिर ने नहीं दिया प्रभारडीएम ने नाजिर पर प्राथमिकी दर्ज कराने का दिया आदेशदरभंगा. कल्याण विभाग के जिला मुख्यालय में करीब ढाई करोड़ की राशि के गोलमाल को लेकर आरोपित नाजिर सागर कुमार राय पर प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश डीएम ने दिया है. […]
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