रानीपुर गांव में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विषाक्त मिठाई खाने से बीमार हुए 187 बच्चों समेत 232 लोगों को डीएमसीएच में भरती कराया गया. निजी नर्सिग होम में लोगों के भरती होने की संख्या अलग है. डीएमसीएच के शिशु रोग विभाग मरीजों से पटा था. हाल यह था कि मरीजों को शिशु रोग वार्ड के आंगन में लेटाकर इलाज चल रहा था.
उधर इस वार्ड का बरामदा और बेड फूल था. लोगों का जमघट चरम पर था. आने जाने वाले लोगों का तांता लगा हुआ था. डीएम कुमार रवि घटनास्थल पर पहुंचकर मरीजों के उपचार का जायजा लेने में जुटे थे. यहां अफरा-तफरी सिर्फ उपचार व्यवस्था की थी. कोई स्लाइन लटकाने के लिए आंगन में रस्सी बांध रहे थे तो कोई आंगन व बरामदा पर नये नये गद्दे और बिछावन रखने में व्यस्त थे. इस उपचार व्यवस्था में अधिकारियों, डाक्टरों व चतुर्थ वर्गीय कर्मियों का फर्क मिट चुका था. जिसे जहां मौका मिला उस व्यवस्था में मशगूल था.