बेतिया : शहर के खुदाबख्श चौक निवासी अभिमन्यु सोनी के बहन की दो मई को सगाई है. सभी को गोरखपुर जाना है, लेकिन कोई वाहन नहीं मिल रहा है. तैयारी भी अधूरी है. आचार संहिता के चलते 50 हजार से अधिक की राशि लेकर नहीं चल सकते हैं.
लिहाजा इनकी शॉपिंग भी नहीं हो सकी है. पूरा परिवार इसको लेकर परेशान है. कुछ ऐसा ही हाल लौरिया के सुरेश का भी है. 17 अप्रैल को बिटिया की शादी है. बारात दूर से आना है. लिहाजा बैंडबाजा बजाने की अनुमति को लेकर थाना से लेकर अनुमंडल तक का चक्कर लगाना पड़ रहा है.
अभिमन्यु व सुरेश अकेले नहीं है, जो चुनावी मौसम में वैवाहिक आयोजन को लेकर परेशान है. बल्कि इनके जैसे हजारों लोग सरकारी दफ्तरों का चक्कर काटने को मजबूर हैं.
सर्वाधिक परेशानी बैंड-बाजा को लेकर है. इसके अलावे वैवाहिक आयोजन को लेकर भी अनुमति लेनी पड़ रही है. पहले थाना से अनापत्ति प्रमाण पत्र और फिर अनुमंडल कार्यालय से अनुमति लेनी पड़ रही है. ऐसे में शादी विवाह पर इलेक्शन का जबरदस्त इफेक्ट दिख रहा है.