रामनगर : वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से भटक कर आये बाघ बीते एक पखवारा से प्रखंड की सोनखर पंचायत के गौंद्रा फार्म के समीप गन्ना के खेत में ही डेरा डाले है. शनिवार को ट्रैकिंग कार्य में वनकर्मी लगे रहे. बताया जाता है कि बाघ का चहलकदमी दोन कैनाल नहर से सटे गौंद्रा सरेह में बना हुआ है.
गोबर्धना वन क्षेत्र पदाधिकारी मानवेंद्र नाथ चौधरी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि शनिवार की सुबह गन्ने के खेत से जानवर के निकलने का पग मार्क मिला है. माना जा रहा है कि बाघ गन्ना के खेत में ही शरण स्थली बनाया है. उन्होंने बताया कि वन कर्मियों का दल लगातार उसके चहलकदमी पर पैनी निगाह रखे हैं.
हालांकि ग्रामीण क्षेत्र में लगातार एक स्थान पर जानवर के होने से उधर आवागमन भी प्रभावित हो गया है. वहीं उस पथ में लोग जानवर के बाबत जानकारी लेकर ही आवागमन करने को मजबूर हैं. बाघ के गन्ने के खेत में विचरण करते रहने से ग्रामीणों के इस ओर के कृषि कार्य भी प्रभावित हो चला है. पशुपालकों के समक्ष चारा का संकट खड़ा हो चला है. जंगली जानवर के भय से लोग घर से बाहर निकलने में भी कतरा रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि एक ही स्थान पर बाघ के होने के बावजूद भी उसे जंगल में वापस भेजने की कार्रवाई अब तक विभाग द्वारा नहीं की जा रही है. इसको लेकर सुरक्षा पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं.
लोगों का मानना है कि यह जंगली जानवर ऐसे ही रिहाइशी इलाके में घूम रहा है तो कहीं शिकारियों की नजर में नहीं आ जाये. वस्तुत: आम ग्रामीण दहशतजदा है. वहीं वनकर्मी उसके विचरण करने पर नजर बनाये हुए हैं. रेंजर ने बताया कि वन कर्मी लगातार खेतों की खाक छान रहे हैं. वहीं इस जीव के लोकेशन में बदलाव नहीं हो रहा है. फिलहाल आम राहगीर या ग्रामीण जानवर के चहलकदमी की समुचित जानकारी लेने के बाद ही आवाजाही कर रहे हैं. फिलहाल बाघ के चहलकदमी पर वन कर्मियों की टीम लगातार खेतों में कैंप कर रही है.