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संविधान को खारिज कर मनुवादी संविधान लाना चाहता है आरएसएस : दीपंकर भट्टाचार्य

बेतिया : भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि देश में संविधान, लोकतंत्र व आजादी की जंग छिड़ी हुई है. इसमें एक तरफ संघ-भाजपा की सत्तासीन ताकते हैं, तो दूसरी तरफ मजदूर-किसानों, दलित-अल्पसंख्यकों, महिलाओं, छात्र-नौजवानों सहित पूरा देश खड़ा है. इस बड़ी लड़ाई में संविधान, लोकतंत्र व आजादी विरोधी संघ-भाजपा के सत्ताधारियों […]

बेतिया : भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि देश में संविधान, लोकतंत्र व आजादी की जंग छिड़ी हुई है. इसमें एक तरफ संघ-भाजपा की सत्तासीन ताकते हैं, तो दूसरी तरफ मजदूर-किसानों, दलित-अल्पसंख्यकों, महिलाओं, छात्र-नौजवानों सहित पूरा देश खड़ा है. इस बड़ी लड़ाई में संविधान, लोकतंत्र व आजादी विरोधी संघ-भाजपा के सत्ताधारियों को परास्त करने के लिए हमें बड़ी एकता और कड़ी मेहनत का संकल्प लेना होगा.

भाकपा महासचिव शनिवार को शहर में महाराजा पुस्तकालय भाकपा माले की ओर से आंबेडकर जयंती के अवसर पर संविधान बचाओ देश बचाओ नारे के तहत आयोजित भूमि अधिकार मार्च व जनसभा को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि शहीदे आजम भगत सिंह व बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर दो ऐसे प्रकाश स्तंभ है, जिनकी रोशनी में हमें नये आजाद, लोकतांत्रिक व धर्मनिरपेक्ष भारत के निर्माण के लिए फिर से एक लड़ाई लड़नी होगी. उन्होंने कहा कि डॉ आंबेडकर ने स्वतंत्रता, बराबरी व भाईचारा की बुनियाद पर इस संविधान को रचा था. संघ परिवार उसकी जरूरत को खारिज कर शुरू से ही मनुस्मृति आधारित मनुवादी संविधान व समाज की वकालत करता रहा है. सत्ता में आने के बाद से उसका यह हमला तेज से तेज होता जा रहा है.

दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि हमें संकल्प लेना होगा कि हम 2018 में अंग्रेजों के कानून कोर्ट ऑफ वार्ड को नहीं मानेंगे और इसे धता बताते हुए बाबा साहेब के संविधान की बुनियाद पर जमीन, आजीवका, आजादी बराबरी हासिल करके रहेंगे. सभा को चंपारण किसान भूमि अधिकार मोर्चा के नेता संजय यादव, बिहार विद्यालय रसोईया संघ के जिलाध्यक्ष दिनेश कुशवाहा, आइसा के महासचिव संदीप सौरभ, भाकपा माले पोलित ब्यूरो के सदस्य राज्य सचिव कुणाल, चंपारण के प्रभारी विरेंद्र गुप्ता, सुनील राव, विष्णु देव प्रसाद, प्रभु यादव, संजय राम, मुख्तार अंसारी आदि ने जनसभा को संबोधित किया.

बलात्कारियों को बचाने में धर्म, सत्ता व तिरंगा का हो रहा प्रयोग
दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि कश्मीर के कठुआ में 8 साल की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार और उन्नाव रेपकांड के दोषियों के पक्ष में खुल्लम खुल्ला अभियान चलाकर तथा राम नवमी के अवसर पर एक साजिश के तहत पूरे बिहार में दंगा फैलाकर संघी-भाजपा गिरोह ने देश के बड़े हिस्से को शर्मसार कर दिया. धर्म, सत्ता व तिरंगा झंडा अगर बच्चियों के साथ बलात्कार करने वालों को बचाने में इस्तेमाल होता रहा तो हमें समझ लेना चाहिए कि ‘बेटी बचाओ’ का नारा ‘भाजपा से बेटी बचाओ का नारा’ है.

सत्याग्रह वर्ष में मजदूरों, किसानों व भूमिहीनों को मिला धोखा
भाकपा महासचिव दीपंकर ने कहा कि चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष में राज्य की सरकारों ने सत्याग्रह की आत्मा को कुचलने का अभियान चलाया व दो-दो नकली गांधियों को उतारा. इन शताब्दी वर्ष में बकाया मजदूरी, गन्ने का बकाया तथा आवास मिलने की उम्मीद जिन मजदूरों, किसानों व भूमिहीनों में रखी थी, उन्हें कुछ नहीं मिला. उन्होंने कहा कि सत्याग्रह व गांधी को ठुकराते हुए मोदी स्वच्छाग्रह चला रहे हैं. वह गरीब जनता को अपमानित करने का अभियान बन गया है. शौचालय के नाम पर बड़े-बड़े घोटाले हो रहे हैं और उसी आड़े में स्वच्छाग्रहियों को बिहार भेजकर उन्माद उत्पात की राजनीति तेज करने की साजिश चल रही है.

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