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कनाडा की सब्जी का स्वाद चखेंगे चंपारणवासी, रंगीन गोभी में विटामिन ए और यूम्निटी सिस्टम बढ़ाने की क्षमता

इसमें सभी प्रकार के विटामिन उपलब्ध है. यह ह्रदय मधुमेह और उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए विशेष लाभकारी है.

कृष्ण कुमार राय, साठी. खेती किसानी के क्षेत्र में चंपारण के किसान नित्य नयी उपलब्धियां गिना रहे हैं. वही अब विदेशी मूल की सब्जी उगाकर तरक्की की नयी कहानी भी गढ़ रहे हैं. अब चंपारण के लोग कनाडा की गोभी का भी स्वाद चखेंगे. आधुनिक व विदेशी मूल की सब्जी की खेती अपने देश में करके किसान अब दोगुना और चार गुना लाभ कमाने की कोशिश में हैं. परंपरागत खेती किसानी से धीरे-धीरे किनारा करने वाले किसान अब आधुनिक खेती कर तरक्की की इबारत करने को बेताब हैं. इन्हीं किसानों में आनंद उर्फ गुड्डू सिंह भी शामिल हैं.

आधुनिक खेती किसानी के लिए हैं प्रसिद्ध

नरकटियागंज प्रखंड के सोमगढ़ पंचायत के समहौता गांव निवासी किसान आनंद शुरू से ही आधुनिक खेती किसानी के लिए जाने जाते हैं. इस बार नारंगी गोभी, बैगनी गोभी और स्ट्रॉबेरी की खेती कर एक बार फिर से चर्चा का विषय बने हैं. मखाना और मछली पालन से सालाना लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं. आनंद सिंह ने बताया कि नारंगी गोभी (ब्रेसीका ओलेरेशिया) जो कनाडा की वैरायटी है.

विटामिन ए और यूम्निटी सिस्टम को बढ़ाता है

यह दुनिया में अलग-अलग देशों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. इसमें विटामिन ए और यूम्निटी सिस्टम को बढ़ाता है तथा विटामिन सी भी प्रचुर मात्रा में है. जबकि कनाडा के वैरायटी बैगनी गोभी इसमें एटीका सिडेंट प्रचुर मात्रा में तथा पाचन तंत्र को नियंत्रित करने के लिए कैल्शियम क्लोराइड और विटामिन पाया जाता है. स्टेफ्री पहले ब्रिटेन और फ्रांस में इसका उत्पादन होता था. इसमें सभी प्रकार के विटामिन उपलब्ध है. यह ह्रदय मधुमेह और उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए विशेष लाभकारी है. उन्होंने बताया कि पहली बार दो कट्ठा जमीन में इसका उत्पादन किया है. इसकी खेती अगले साल से वृहत पैमाने पर की जाएगी.

एक एकड़ में दस हजार की लागत से होगा 70-80 हजार रुपये का मुनाफा

किसान आनंद ने बताया कि स्थानीय बाजार में नारंगी और बैगनी गोभी का भाव 50 से ₹60 रुपये प्रति किलो और स्टेफ्री ₹260 रुपये प्रति किलो का भाव है. अगर एक एकड़ में इसकी खेती की जाए तो कुल लागत 10 से ₹12000 रुपये आएगी. जबकि आमदनी 70 से 80 हजार रुपये होगी. उन्होंने कहा कि फेसबुक पर इस खेती के बारे में जानकारी ली और ऑनलाइन इसका बीज मंगाया. अगर वैज्ञानिक विधि से खेती की जाए तो लागत से चार गुना मुनाफा खेती में है. उन्होंने युवा पीढ़ी की ध्यान खेती की ओर आकृष्ट कराते हुए कहा कि जो युवा इस खेती से भाग रहे हैं. वैज्ञानिक तरीके से खेती करें तो उन्हें घर बैठे ही चार गुना मुनाफा होगा.

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