28.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एचआइवी : पटना के बाद मोतिहारी दूसरे नंबर पर

मोतिहारी : चंपारण एचआइवी के मामले में हाइरिस्क जोन बन रहा है. बिहार में पटना के बाद चंपारण इस मामले में दूसरे स्थान पर आ गया है. एंटी रेट्रो भायल थेरेसी सेंटर (एआरटीसी) के अनुसार, चंपारण में एचआइवी पीड़ितों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है और करीब छह हजार हो गयी है. इसमें […]

मोतिहारी : चंपारण एचआइवी के मामले में हाइरिस्क जोन बन रहा है. बिहार में पटना के बाद चंपारण इस मामले में दूसरे स्थान पर आ गया है. एंटी रेट्रो भायल थेरेसी सेंटर (एआरटीसी) के अनुसार, चंपारण में एचआइवी पीड़ितों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है और करीब छह हजार हो गयी है. इसमें चार हजार 34 मरीज दवा ले रहे हैं. 919 ऐसे मरीज हैं जिनका रजिस्ट्रेशन तो हुआ है लेकिन अपना इलाज किसी दूसरी जगह करा रहे हैं. एक हजार ऐसे मरीज हैं जो विभिन्न लैब में अपनी जांच कराने के बाद लोक लाज के कारण निजी अस्पतालों में करा रहे हैं. बता दें कि पूर्वी व पश्चिमी चंपारण के मरीजों के इलाज के लिए मोतिहारी में केंद्र खोला गया है.

किशोर भी हो रहे संक्रमित : इस घातक बीमारी के शिकार किशोर हो रहे है. 18 वर्ष से कम उम्र के लड़के व लड़कियां इस बीमारी के चपेट में आ रहे हैं. एनआरटीसी के अनुसार, 18 से कम उम्र के 317 ऐसे मामले आये हैं. इसमें 147 लड़के व 72 लड़कियां एड्स की दवाएं ले रहे हैं.49 लड़के व 49 लड़कियां ऐसे हैं जो अपना पंजीयन करा तो लिये हैं लेकिन दवा किसी दूसरी जगह से लेते हैं.
छह हजार लोग हैं इसके चपेट में
चार हजार 34 मरीज ले रहे दवा
रोग फैलने का मुख्य कारण
चंपारण से अधिक लोग देश के विभिन्न महानगरों में मजदूरी करने जाते हैं और वहीं से यह जानलेवा सौगात लेकर आते हैं. अपनी जरूरतें इधर-उधर पूरा करते हैं और इस बीमारी का शिकार होते हैं. चंपारण भारत नेपाल की सीमा होने के कारण बाहर से लोग यहां आते रहे हैं. असुरक्षित रक्त की खरीद-बिक्री को भी लोग इस बीमारी का कारण बताते हैं. इसके अलावा लाइन होटलों, रेलवे प्लेटफॉर्म पर फैला सेक्स वर्करों का जाल भी इस बीमारी के फैलने का कारण है.
प्रभावित क्षेत्र
रक्सौल, आदापुर, घोड़ासहन, छौड़ादानो, चकिया, मेहसी व बेतिया का रेड लाइट एरिया मुख्य रूप से प्रभावित क्षेत्र है.
लक्षण : एक माह से अधिक तक बुखार हो, या वजन में लगातार ह्रास हो,या फिर एक माह तक पेट खराब हो,इस तरह का लक्षण पाये जाने पर शीघ्र नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर इलाज कराना चाहिए.
अक्तूबर 2017 तक दवा ले रहे मरीजों की संख्या : पुरुष-2207, महिलाएं-1600, लड़कियां-72, लड़के-147 व किन्नर -7
पंजीयन के बाद दूसरी जगह इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या : पुरुष-364,महिला-454,लड़कियां-49, लड़के-49 व किन्नर-3
काफी गंभीर बीमारी है. लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. शादी से पहले हर हाल में एचआइवी की जांच करानी चाहिए.
डाॅ. चंद्रसुभाष, नोडल पदाधिकारी एआरटीसी, मोतिहारी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें