मधुबनी : कोर्ट कैंपस स्थित हरगोविंद सीड्स कंपनी द्वारा खराब क्वालिटी व एक्सपाइरी एवं वेमौसम गेहूं का बीज किसानों को देना महंगा पड़ा. उक्त मामले से संबंधित वाद संख्या 63/2011 का सुनवाई करते हुए. उपभोक्ता न्यायालय ने प्रोपराइटर हरगोविंद सीड्स कंपनी को किसान बिस्फी थाना क्षेत्र के नूरचक निवासी राकेश कुमार सिंह को दिनांक 10 […]
मधुबनी : कोर्ट कैंपस स्थित हरगोविंद सीड्स कंपनी द्वारा खराब क्वालिटी व एक्सपाइरी एवं वेमौसम गेहूं का बीज किसानों को देना महंगा पड़ा. उक्त मामले से संबंधित वाद संख्या 63/2011 का सुनवाई करते हुए. उपभोक्ता न्यायालय ने प्रोपराइटर हरगोविंद सीड्स कंपनी को किसान बिस्फी थाना क्षेत्र के नूरचक निवासी राकेश कुमार सिंह को दिनांक 10 अगस्त 2011 से 12800 रुपये पर पांच प्रतिशत ब्याज के साथ मुआवजा देने का आदेश जारी किया है.
साथ ही मानसिक क्षतिपूर्ति तीन हजार एवं वाद खर्च 2000 रुपये देने का भी आदेश जारी किया. तीन महीने के अंदर नहीं देने पर 7 प्रतिशत ब्याज की दर से वसूल की जायेगी. उक्त फैसला उपभोक्ता न्यायालय के अध्यक्ष विनोदानंद झा विनीत एवं सदस्य लक्ष्मण कुमार एवं रंजना झा के पीठ ने गुरुवार को सुनाया. जहां आवेदक की ओर से अधिवक्ता रामदेव सिंह व विपक्षी की ओर से अधिवक्ता लालू प्रधान ने बहस किया था.
क्या था मामला
बिस्फी थाना क्षेत्र के नूरचक निवासी आवेदक राकेश कुमार सिंह चालीस किलोग्राम का छह बैग गेहूं हरगोविंद सिड्स कंपनी से 10 नवंबर 2011 को खरीद किया था. फसल तैयार होने के बाद जब गेहूं की थ्रेसिंग की गयी थी, तो गेहूं का दस प्रतिशत भी दाना नहीं निकला. आवेदक ने गेहूं काटना रोक कर इसकी शिकायत 25 अप्रैल 2011 को प्रोपराइटर हरगोविंद सिड्स कंपनी के साथ- साथ प्रबंधक नेशनल सीडस कंपनी को शिकायत की
. लेकिन शिकायत के अनसुना कर दिया गया. करने बाद फिर 6 मई 2011 कृषि विभाग व सीडस कंपनी को लिखित शिकायत किया था. लेकिन शिकायत निराकरण नहीं होने पर आवेदक राकेश कुमार सिंह व्यथित होकर उपभोक्ता न्यायालय में 63/2011 वाद दाय कर 75000 रुपये व मानसिक खर्च 20000 रुपये की मांग की थी. उपभोक्ता न्यायालय ने किसान के समस्या को गंभीरता से लेते हुए प्रोपराइटर हरगोविंद सीड्स कंपनी व नेशनल सीडस कंपनी को मुआवजा देने का आदेश जारी किया.