मोतिहारी : शक्ति की उपासना का पर्व शारदीय नवरात्र गुरुवार को श्रद्धा व भक्ति भाव के साथ शुरू हुआ. मंदिर व पूजा-पंडालों में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना के लिए उमड़ी आस्था के सैलाब के मंत्रोच्चारण से वातावरण गुंजायमान हो उठा. शहर से लेकर गांव तक मंदिर व पंडाल परिसर में पूरे दिन आस्था का भाव प्रस्फुटित होती रही.
शास्त्रों के अनुसार, दुर्गा पूजनोत्सव की शुरुआत से पूर्व कलश स्थापना का विधान के मद्देनजर मंदिर, पूजा पंडाल के अलावा आराधकों ने अपने घर में विशेष मंत्र व विधियों के साथ कलश स्थापित कर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की. इसका तात्पर्य यह है कि पूजा कुशलता पूर्वक संपन्न हो और माता प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करें. बताया जाता है कि कलश स्थापना के बाद से किसी भी देवी देवताओं की पूजा का विधान है. इसलिए कि कलश में सभी ग्रह, नक्षत्र एवं तीर्थों का वास होता है. वहीं पूजन करने वाले की पूजन एवं शुभ कार्य का पूर्ण लाभ मिलता है.
मां शैलपुत्री की हुई पूजा
शक्ति की आराधना का मुख्यपर्व शारदीय नवरात्र के आगाज के पहले दिन आराधकों ने विभिन्न मंदिरों में मां दुर्गा की स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की. शहर के कचहरी चौक स्थित जगदंबा आनंदधाम मंदिर, चांदमारी स्थित दुर्गा मंदिर, चंचल बाबा मठ आदि विभिन्न मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ी. वेद विद्यालय के प्राचार्य सुशील कुमार पांडेय ने बताया कि मां दुर्गा अपने पहले रूप में शैलपुत्री के नाम से जानी जाती है. पर्वत राज हिमालय के यहां पुत्री के रूप में उत्पन्न होने से इनका नाम शैलपुत्री पड़ा. इनका वाहन वृषभ है. दाहिने हाथ में त्रिशुल व बायें हाथ में उनके कमल पुष्प सुशोभित है.
शारदीय नवरात्र का है विशेष महत्व : महाकाल संहिता के अनुसार, सतयुग में चैत्र नवरात्र, त्रेतायुग में आषाढ़ नवरात्र, द्वापर में माघ नवरात्र एवं कलयुग में अश्विन(शारदीय)
नवरात्र की प्रमुखता रहती है. वेद विद्यालय के प्राचार्य सुशील कुमार पांडेय ने बताया कि ‘कलौ चंडी विनायकों’ के अनुसार भी कलयुग में चंडी अर्थात मां दुर्गा व विनायक अर्थात गणेश जी की प्रधानता है. इसमें सर्व प्रथम दुर्गा का ही उल्लेख है. मातेश्वरी दुर्गा धर्मार्थकाम मोक्ष चतुर्विध पुरुषार्थ को प्रदान करने वाली है. उन्होंने बताया कि अखिल ब्रह्मांड नायिका मां दुर्गा परमेश्वर की उन प्रधान शक्तियों में से एक है, जिनको यथा समय आवश्यकतानुसार प्रकटित कर परब्रह्मं परमात्मा ने विश्व का कल्याण किया है.
पताही. थाना में कलश स्थापना के साथ ही मां दुर्गा का शारदीय नवरात्र पूजा गुरुवार को प्रारंभ हो गया. पूरे थाना क्षेत्र में आठ स्थलों पर बने पूजा पंडालों में मां दुर्गा की पूजा हो रही है. पताही बाजार, बखरी में दो स्थलों, कोदरिया पंडाल चौक, सुगा पीपर बाजार,
खुटौना, जिहली, नारायणपुर में मां दुर्गा के भव्य पूजा का आयोजन हो रहा है. पूरा क्षेत्र पूजा में भक्तिमय हो गया है. गांवों के हजारों पुरुष स्त्री अपने घरों में कलश स्थापित कर पूजा किया जा रहा है. थानाध्यक्ष नरेंद्र कुमार ने बताया कि दुर्गा पूजा शांति पूर्वक संपन्न करने के लिए पुलिस लगातार गश्त कर रही है. वही दुर्गापूजा समितियों द्वारा शांतिपूर्वक पूजा को लेकर पुलिस को पूरा सहयोग दिया जा रहा है.
केसरिया. प्रखंड के विभिन्न पूजा पंडालों व मंदिरों में कलश स्थापना के साथ ही शारदीय नवरात्र शुरू हो गयी. सभी पूजा स्थलों से बड़ी संख्या कन्याएं कलशयात्रा निकाली, जिसमें गाजे-बाजे हाथी घोड़े के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं व पुरुष शामिल हुए. सत्तरघाट स्थित गंडक नदी से जलबोझी कर पूजा स्थल पहुंचे. नया गांव पानशाला दुर्गापूजा समिति के कलशयात्रा के दौरान राम सीता की शोभायात्रा आकर्षण का केंद्र रहा. मौके पर रंजन कुमार, अमरेंद्र यादव, मुखिया हरेंद्र साह, पूजा समिति खटोलवा में अध्यक्ष नवीन कुमार, मदन सहनी, भिखारी सहनी, चुन्नू, जयप्रकाश मिश्रा, अाचार्य दिनेश, महामाया स्थान पूजा समिति के हरिकिशोर, अाचार्य संजय, चंद्रशेखर सिंह समेत कई लोग सक्रिय रहे.