बक्सर. चरित्रवन स्थित ऐप्टेक सह स्मृति कॉलेज परिसर में बुधवार को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया गया. राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार पटना के राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत आत्महत्या जैसी गंभीर समस्या के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस जागरूकता कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सह मुख्य वक्ता डॉ कुमारी अनुराधा एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ अमलेश कुमार की उपस्थिति रही. कार्यक्रम की अध्यक्षता ऐप्टेक सह स्मृति कालेज के निदेशक तथा क्रीड़ा भारती के प्रांत मंत्री डॉ रमेश कुमार ने किया. कॉलेज के फैकल्टी इं यज्ञदत्त ने पुष्प भेंट कर आगत अतिथियों का स्वागत किया. कार्यक्रम का शुभारंभ स्मृति कॉलेज के निदेशक डॉ रमेश कुमार द्वारा विषय प्रवेश कराकर किया गया. उन्होंने कहा कि आत्महत्या एक गंभीर वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है. जिसके कारण विश्व में हर साल लगभग सात लाख लोगों से ज्यादा लोगों की जान जाती है. इस समस्या को ध्यान में रखते हुए 10 सितंबर 2008 से प्रत्येक वर्ष यह दिवस मनाया जा रहा है. इस वर्ष विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस का अंतरराष्ट्रीय विषय है आत्महत्या पर दृष्टिकोण बदलना. डॉ रमेश ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना शारीरिक स्वास्थ्य. हम सब का सामाजिक कर्तव्य भी बनता है कि हम समाज में यह संदेश फैलाएं की आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं है. डॉ कुमारी अनुराधा ने कहा कि मनुष्य का जीवन अनमोल है, आप अकेले नहीं हैं. आत्महत्या की भावना किसी भी उम्र में आ सकती है. इसे रोकना एक सामाजिक दायित्व है. आत्महत्या किसी भी समस्या का हल नहीं है. संघर्ष करना भी मानव का कर्तव्य है. अपनी भावनाओं को नि:संकोच अभिव्यक्त करें. चिकित्सकीय सलाह लें. डॉ अमलेश ने कहा कि डिप्रेशन, चिंता, तनाव, घबराहट का इलाज तुरंत करायें. तनाव, अवसाद और निराशा से जूझ रहे लोगों को सहारा व मार्गदर्शन देना एक सामाजिक दायित्व भी है और इसका इलाज संभव है. इस अवसर पर संस्थान के दर्जनों छात्र-छात्राओं के साथ सभी शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी की उपस्थिति रही. कार्यक्रम को सफल बनाने में अजित चौबे, हर्षिता एवं रोहित कुमार की भूमिका सराहनीय रही.
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