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गंगा ने बजायी खतरे की घंटी, लाल निशान से दो सेमी ऊपर हुआ जल स्तर

एक बार फिर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है. जिससे गंगा व सहायक नदियों के तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है.

बक्सर. एक बार फिर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है. जिससे गंगा व सहायक नदियों के तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है. गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी होने से मैदानी क्षेत्रों में पानी का प्रसार तेजी से हो रहा है. इसके चलते प्रभावित क्षेत्रों के लोगों की चिंता बढ़ गयी है. चालू मानसूनी मौसम में गंगा के जल स्तर का लाल निशान पार करने की यह तीसरा घटना है. इससे पहले दो बार खतरे के निशान से ऊपर बहने के बाद जलस्तर में कमी आ चुकी थी. सो तकरीबन दो माह से जल स्तर में उतार-चढ़ाव जारी है. केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को मध्याह्न 12 बजे गंगा का जल स्तर खतरे के निशान 60.32 मीटर पर पहुंच गया. जबकि शाम पांच बजे 60.32 मीटर रिकार्ड कर गया. जाहिर है कि बक्सर में चेतावनी बिंदु 59.32 मीटर तथा खतरे का निशान 60.32 मीटर निर्धारित है. तटीय क्षेत्रों में जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त गंगा के तटीय क्षेत्रों में पानी बढ़ने से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. गंगा के जलस्तर का दबाव बढ़ने से सहायक नदी कर्मनाश का पानी चौसा-मोहनिया सड़क पर बह रहा है. जिससे आवागमन को लेकर लोगों की परेशानी बढ़ गई है. तटीय क्षेत्र के खेत में खड़ी फसल भी डूब गयी है. जिससे फसल बर्बाद हो गई है. बक्सर शहर स्थित रामरेखा घाट समेत अन्य गंगा घाटों की सीढ़ियां परी तरह डूब गई हैं और नालों के सहारे गंगा का पानी रिहायशी क्षेत्रों में प्रवेश कर गया है. श्मशानघाट स्थित मुक्ति धाम में भी पानी के बहाव से शव दाह के लिए जगह मिलना मुश्किल हो गया है. रामरेखाट पर बने दोनों विवाह मंडप का संपर्क भंग हो गया है. जिससे वहां स्नान करना खतरनाक हो गया है. इसी तरह सिमरी, चक्की व ब्रह्मपुर अंचल के दियारा में पानी ने तबाही मचा दिया है. चौबीस घंटे में बढ़ा छह सेमी जल स्तर रिपोर्ट के मुताबिक पिछले चौबीस घंटे में गंगा के जल स्तर में 6 सेमी की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. मंगलवार की शाम गंगा का जलस्तर 60.28 मीटर था जो गुरुवार की शाम पांच बजे खतरे के निशान से 2 सेमी ऊपर 60.34 मीटर हो गया. दूसरी बार खतरे के निशान से नीचे खिसकते हुए गंगा का न्यूनतम जल स्तर 59.05 मीटर हो गया था. तटबंध की निगरानी तेज जलस्तर बढ़ने से जिला प्रशासन अलर्ट हो गया हैं. बक्सर-कोइलवर तटबंध की निगरानी बढ़ा दी गयी है. बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है और चौबीस घंटे निगरानी की जा रही है. गंगा में नावों के परिचालन पर भी रोक लगा दी गयी है. जिला पदाधिकारी डॉ विद्या नंद सिंह के निर्देश पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के अंचलाधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के हालात पर अनवरत नजर बनाये हुए हैं.

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