बक्सर .
जिले के किसानों को फिर दस साल बाद अनुदानित दर पर कृषि विभाग शंकर धान का बीज उपलब्ध करायेगा. जिला कृषि पदाधिकारी अविनाश शंकर राय ने बताया कि विगत कई वर्षों से किसान पारंपरिक धान बीजों के भरोसे खेती कर रहे थे. लेकिन शंकर धान की उच्च उत्पादकता के बावजूद इसकी महंगी कीमत और अनुदान की अनुपलब्धता ने इसे आम किसानों की पहुंच से बाहर कर दिया था. कृषि विभाग ने किसानों की मांग और फसल उत्पादन में आ रही गिरावट को ध्यान में रखते हुए इसे पुनः अनुदानित श्रेणी में शामिल किया है. यह बीज बाजार मूल्य से लगभग 50 प्रतिशत कम दर पर उपलब्ध कराया जाएगा.इसके लिए किसानों को विभाग के वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा.इसका लाभ पहले आवो पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा. क्या है शंकर धान और क्यों है यह खास : शंकर धान यानि हाइब्रिड धान एक प्रकार का उच्च गुणवत्ता वाला बीज होता है जो पारंपरिक बीजों की तुलना में कहीं अधिक पैदावार देता है.यह कम समय में पकता है, कीट-व्याधियों के प्रति अधिक प्रतिरोधी होता है और जल की आवश्यकता भी अपेक्षाकृत कम होती है.इससे न केवल उत्पादन बढ़ता है बल्कि लागत में भी बचत होती है. जिला कृषि वैज्ञानिक डॉ. देवकरण के अनुसार धान की उपज पारंपरिक बीजों की तुलना में 30-40% अधिक हो सकती है, बशर्ते इसका सही तरीके से उपयोग हो. जानकारी के अनुसार.यह धान जलवायु परिवर्तन के असर को भी कुछ हद तक सहन कर सकता है, जो आज के दौर में बेहद जरूरी है. कृषि विभाग ने बीज वितरण के लिए 15 जून तक का लक्ष्य रखा है ताकि किसान समय पर बुआई कर सकें.इस बीज को ब्लॉक स्तर पर भेजा जाएगा और किसान उसे कृषि सेवा केंद्र से प्राप्त कर सकेंगे. वितरण की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी और इसकी निगरानी जिला स्तरीय समिति द्वारा की जाएगी. आर्थिक और सामाजिक प्रभाव : जिला कृषि पदाधिकारी अविनाश शंकर राय का मानना है कि इस योजना से न केवल कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा. उत्पादन बढ़ने से किसानों की आमदनी में इजाफा होगा, जिससे वे अपने बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन स्तर को सुधार सकेंगे. बताया कि शंकर धान के वितरण के बाद, किसानों की फसल की उपज रिपोर्टिंग और फीडबैक भी लिया जाएगा, ताकि आने वाले वर्षों में इसकी गुणवत्ता और वितरण प्रणाली को और बेहतर किया जा सके. कुल मिलाकर, यह पहल कृषि विकास और किसान कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.लंबे समय बाद किसानों को शंकर धान जैसी गुणवत्ता युक्त बीजों की अनुदानित दर पर उपलब्धता से निश्चित ही उत्पादन में बढ़ोतरी, लागत में कमी और लाभ में इजाफा होगा.अब यह किसानों पर निर्भर है कि वे इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाकर जिले को फिर से धान उत्पादन में अग्रणी बना सकें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है