डुमरांव
. देशभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल बने नंदन गांव निवासी आर्मी जवान त्यागी यादव शादी के कुछ ही घंटे बाद ड्यूटी पर लौट गये. भगवान यादव के 26 वर्षीय पुत्र त्यागी यादव की शादी 7 मई को केसठ गांव की प्रिया कुमारी के साथ धूमधाम से संपन्न हुई थी. गुरुवार को बारात घर लौटी और भारत-पाक तनाव के बीच शुक्रवार को अचानक ड्यूटी पर बुला आ गया.लिहाजा वे नये जीवन की शुरुआत किए बिना ही जम्मू-कश्मीर की ओर रवाना हो गए. त्यागी वर्तमान में कुपवाड़ा जिले के मच्छर सेक्टर से आगे एक संवेदनशील इलाके में तैनात हैं. रवाना होने से पूर्व उन्होंने बताया कि आज ही शाम को उन्हें ड्यूटी पर निकलना है. त्यागी ने बिना कोई संकोच किए अपनी नवविवाहिता पत्नी और परिवार को छोड़ ड्यूटी पर जाने का निर्णय लिया है. उनके इस फैसला को गांव के लोग उनकी देशभक्ति की मिसाल दे रहे हैं.पत्नी बोली ; पति पर गर्वपहलगाम हमले के बाद घाटी में सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए सभी जवानों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. इसी क्रम में त्यागी को भी तुरंत वापस बुला लिया गया. त्यागी ने रवाना होने से पहले कहा, देश से बड़ा कुछ नहीं होता. अगर देश के लिए जान भी देनी पड़े तो हम पीछे नहीं हटेंगे. उनके इस जज्बे को सुनकर हर कोई गर्व से भर गया. वहीं, नई दुल्हन प्रिया कुमारी ने भी अपने पति के इस कर्तव्यनिष्ठ निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि वह अपने पति के फैसले से पूरी तरह सहमत हैं और उन्हें अपने पति पर गर्व है.
देशप्रेम के जज्बे पर ग्रामीणों को गर्वत्यागी का परिवार पहले से ही सैन्य परंपराओं से जुड़ा रहा है. उनके चचेरे भाई ओम प्रकाश यादव जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में 47 बटालियन आरआर में तैनात हैं. वहीं, उनके मामा मंगल यादव, जो लहठान गांव, भोजपुर जिले के निवासी हैं, सेना में सक्रिय सेवा में हैं. यह परिवार तीन पीढ़ियों से देश की सेवा में समर्पित है. त्यागी की यह प्रेरणादायक कहानी केवल उनके गांव तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह हर उस युवा के लिए एक उदाहरण है, जो देश सेवा को अपना धर्म मानता है. गांव वालों का कहना है कि त्यागी ने न सिर्फ अपने परिवार का, बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन किया है. उनका यह देशप्रेम देश की अखंडता के लिए निर्णायक है.घर परिवार से पहले देश की रक्षा जरूरीत्यागी की शादी तो 7 मई को हुई थी, लेकिन उनका प्रारंभिक पारिवारिक जीवन देश की रक्षा को समर्पित हो गया. त्यागी की पत्नी प्रिया ने कहा कि वह जानती है कि एक सैनिक की पत्नी होना क्या होता है और वह हर परिस्थिति के लिए तैयार हैं. गांव के बुजुर्गों और युवाओं का कहना है कि त्यागी का साहस और समर्पण आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगा. आज जब अधिकांश लोग अपने निजी जीवन को प्राथमिकता देते हैं, त्यागी ने अपने कर्तव्य को सबसे ऊपर रखा। यही कारण है कि नंदन गांव का यह बेटा पूरे क्षेत्र में गर्व का कारण बना हुआ है. त्यागी ने कहा कि आर्मी हमें यही सिखाती है कि बिना किसी उम्मीद के देश की सेवा में अपने सुखों की आहुति दे देनी चाहिए.
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