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कड़ी सुरक्षा में आरोपित को भेजा गया जेल
बक्सर कोर्ट : हत्या के प्रयास एवं लूट के मामले के अभियुक्त साहिल उर्फ शहीद खान ने मंगलवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में सरेंडर कर दिया, जहां से न्यायिक हिरासत उसे सेंट्रल जेल भेज दिया गया. उसके पहले अभियुक्त के जमानत आवेदन को न्यायालय ने खारिज कर दिया. बताते चलें कि बक्सर औद्योगिक […]
बक्सर कोर्ट : हत्या के प्रयास एवं लूट के मामले के अभियुक्त साहिल उर्फ शहीद खान ने मंगलवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में सरेंडर कर दिया, जहां से न्यायिक हिरासत उसे सेंट्रल जेल भेज दिया गया. उसके पहले अभियुक्त के जमानत आवेदन को न्यायालय ने खारिज कर दिया.
बताते चलें कि बक्सर औद्योगिक थाना में कांड संख्या 99 सन् 2017 को बड़की सारिमपुर के रहनेवाले अरमान खान उर्फ विक्की ने अभियुक्तों के खिलाफ दर्ज कराया था. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 24 मई, 2017 को रात 8:30 बजे पीड़ित अपनी मोटरसाइकिल से दुकान बंद कर घर वापस लौट रहा था कि सभी अभियुक्तों ने उसे नेपाली चाय की दुकान के पास घेर लिया तथा लोहे के रॉड से हमला करने लगे जिससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया. अभियुक्तों ने 70 हजार रुपये भी लूट लिये.
साथ ही गोली भी चलायी थी. घटना को लेकर सूचक ने राहुल, साहिल, बाबर अली, अनवर अली, औरंगजेब अली, धीरज एवं तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें सभी अभियुक्तों ने पूर्व में ही न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था.
वहीं सोहनीपट्टी का रहनेवाला साहिल उर्फ शहीद खान फरार चल रहा था. अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही थी. पुलिस दबिश में अभियुक्त ने मंगलवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में सरेंडर कर दिया. जहां सुनवाई के बाद उसे सेंट्रल जेल भेज दिया गया.
मारपीट के सात अभियुक्तों को एक-एक वर्ष की सजा
बक्सर कोर्ट. मारपीट के सात अभियुक्तों को न्यायालय ने दोषी पाते हुए एक-एक वर्ष के कारावास की सजा सुनायी. उक्त फैसला प्रथम श्रेणी के न्यायाधीश दीवान फहद खान ने मंगलवार को सुनाया. घटना नवानगर थाना कांड संख्या 90 सन् 2017 से संबंधित है.
जहां थाना के धमछुआ गांव के रहनेवाले अभिषेक कुमार एवं इंद्रासन राम को उसी गांव के रहनेवाले श्रीनाथ राम, अवध बिहारी राम ,राजकुमार राम, कमला राम, रामलाल राम, लल्लू राम एवं रंगलाल राम ने जमीन विवाद को लेकर मारपीट की थी. अभियुक्तों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 325 के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. इसमें सूचक ने पुलिस को बताया था कि अभियुक्तों ने जमीन के विवाद को लेकर उसे चारों तरफ से घेर लिया एवं मारपीट की थी.
सुनवाई में कुल पांच गवाहों की गवाही को न्यायालय ने कलम दर्ज किया. उपलब्ध साक्ष्यों एवं गवाही के आधार पर न्यायालय ने अभियुक्तों को भारतीय दंड विधान की धारा 325 के तहत मारपीट के लिए दोषी पाया तथा एक वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनायी.
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