बक्सर : ”अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजै” के सपने को पूरा कर दिखाया है बक्सर की बेटी अमृता कुमारी ने. दस साल की बेटी और पांच साल के बेटे की मां व प्रसिद्ध कथावाचक डॉ रामनाथ ओझा की बहू ने बीपीएससी की 63वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के घोषित परिणाम में 323वां रैंक लाकर बक्सर का नाम रोशन किया है. इनका चयन लेबर इनफोर्समेंट ऑफिसर के पद पर हुआ है. अमृता ने यह मुकाम अपने पूरे परिवार की जिम्मेदारी निभाते हुए हासिल किया है.
अमृता ने दूसरे प्रयास में सफलता प्राप्त करने के बाद प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे उम्मीद थी कि इस बार परिणाम बेहतर होगा. अमृता ने कहा कि कोई भी जगह छोटा, बड़ा नहीं होता. बड़े से बड़े लक्ष्य को भी कड़ी मेहनत की बदौलत प्राप्त किया जा सकता है. इटाढ़ी थाने के बसांव खुद गांव निवासी प्रसिद्ध कथावाचक डॉ रामनाथ ओझा अपनी बहू की सफलता पर काफी प्रसन्न हैं. उन्होंने कहा कि वैसी लड़कियों को अमृता से सीख लेने की जरूरत है. अमृता को पढ़ाने में परिवार का पूरा सहयोग मिला. अमृता की सफलता के पीछे उनकी दस साल की बेटी और पांच साल के बेटे का भी काफी योगदान है. उन्होंने अपनी मां को पढ़ने के लिए वक्त दिया. बेटी अपने छोटे भाई के छोटे-मोटे काम कर अपनी मां को समय देने में अपनी भूमिका निभायी.
अमृता कुमारी वर्ष 2005 में बक्सर के डॉ केके मंडल महिला कॉलेज से 2005 में मनोविज्ञान से स्नातक की डिग्री हासिल की है. एक बेटा और एक बेटी की मां अमृता कुमारी फिलहाल बक्सर के नया बाजार स्थित आदर्श मिडिल विद्यालय में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं. इनकी शादी कथावाचक डॉ रामनाथ ओझा के बड़े पुत्र अरविंद ओझा के साथ हुई है.