बक्सर : सरकार गरीबों के लिए चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने को लेकर लाखों रुपये खर्च कर रही है. परंतु इसका लाभ सही लोगों को नहीं मिल पाता है. इसके कारण गरीबों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला नगर के एक परिजन के साथ बुधवार को हुआ. नगर के रामरेखा घाट स्थित 10 वर्षीय मीर कल्लू का पैर विगत दिनों बिस्तर पर से गिरने टूट गया था, जिनका इलाज स्थानीय सदर अस्पताल में कराया गया. जहां चिकित्सकों ने बच्चे के टूटे पैर का प्लास्टर किया.
निर्धारित तिथि के अनुसार बुधवार को एंबुलेंस के अभाव में बच्चे की मां कुसुमी देवी ने ठेले पर लेकर अस्पताल पहुंची. जहां चिकित्सकों ने टाल मटोल करते हुए 15 दिन आने की बात कह दिया. मायूस होकर कुसुमी देवी पुन: ठेले से अपने बच्चे को लेकर लौट गयी. वहीं इस दौरान एक निजी एंबुलेंस चालक मनोज यादव ने गरीब महिला को तत्काल राहत के लिए डॉक्टर द्वारा लिखी गयी छह सौ रुपये की दवा दिलायी. वहीं महिला से जब बातचीत की गयी तो महिला ने बड़े ही मासूमियत से कहा कि साहब एंबुलेंस बुलाने के लिए पैसे लगते हैं. मेरे पास इलाज के लिए पैसे नहीं है तो एंबुलेंस मंगाने के बारे में कैसे सोच सकती हूं.