Bihar Flood: जैसे-जैसे मानसून केरल के तट की ओर बढ़ रहा है, बिहार सरकार ने संभावित बाढ़ की चुनौती से निपटने के लिए कमर कस ली है. मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना स्थित मुख्य सचिवालय सभागार में एक उच्चस्तरीय बैठक कर बाढ़ पूर्व तैयारियों की गहन समीक्षा की. इस बैठक में आपदा प्रबंधन, जल संसाधन, स्वास्थ्य, नगर विकास सहित कई अहम विभागों के वरीय अधिकारी मौजूद रहे.
”राहत एवं बचाव कार्यों में किसी भी स्तर पर कोताही नहीं”
बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया कि राहत एवं बचाव कार्यों में किसी भी स्तर पर कोताही नहीं होनी चाहिए. सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय के साथ काम करें और ज़मीनी स्तर पर तैयारी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि लोगों को समय पर सतर्क करना और उन्हें आवश्यक सहायता पहुंचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.
कई मुद्दों पर हुई विस्तार से चर्चा
इस अहम बैठक में कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई. बाढ़ संभावित इलाकों की पहचान और संवेदनशील क्षेत्रों की सूची तैयार करने के साथ-साथ राहत शिविरों की स्थापना, नाव और मोटरबोट की व्यवस्था, जीवन रक्षक उपकरणों की उपलब्धता और खाद्य सामग्री के स्टॉक जैसे विषयों पर भी समीक्षा की गई.
इसके अलावा शहरी इलाकों में जलजमाव से निपटने की योजना, मेडिकल टीमों की तैनाती, आवश्यक दवाओं की आपूर्ति और टीकाकरण कार्यक्रम की भी रूपरेखा तय की गई. बाढ़ पूर्व चेतावनी तंत्र और सूचना व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उपायों पर भी ज़ोर दिया गया.

मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के डीएम को दिया निर्देश
मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने स्तर पर नियमित समीक्षा करें और अपने जिलों में तैयारियों की निगरानी करें. उन्होंने यह भी कहा कि राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए जिला और राज्य स्तर के अधिकारियों के बीच लगातार संवाद बना रहना चाहिए. बिहार में हर वर्ष बाढ़ एक बड़ी चुनौती रही है, लेकिन इस बार सरकार पहले से ही सतर्क है और संभावित आपदा से निपटने के लिए अग्रिम मोर्चे पर तैयारी कर रही है.
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