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Success Story: NASA की वेबसाइट में खामी ढूंढ बिहार के लाल ने रच दिया इतिहास, ‘हॉल ऑफ फेम’ में हुआ नाम दर्ज

Success Story: बिहार के समस्तीपुर जिले के 17 वर्षीय रामजी राज ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की वेबसाइट में साइबर खामी ढूंढकर अपनी तकनीकी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. नासा ने इस उपलब्धि के लिए उन्हें 'Hall of Fame' में शामिल किया है. इतनी कम उम्र में यह सम्मान हासिल करना रामजी की काबिलियत और जिम्मेदार डिजिटल सोच को दर्शाता है.

Success Story: बिहार के समस्तीपुर जिले से ताल्लुक रखने वाले 17 वर्षीय रामजी राज ने अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा की आधिकारिक वेबसाइट में एक बड़ी साइबर खामी (cyber vulnerability) खोज कर न केवल खुद को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई, बल्कि देश का नाम भी रोशन किया है. इस असाधारण उपलब्धि के लिए नासा ने रामजी को ‘Hall of Fame’ की सूची में शामिल किया है.

रामजी एक एथिकल हैकर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में सक्रिय युवा प्रतिभा हैं. इतनी कम उम्र में उन्होंने 50 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय वेबसाइट्स में तकनीकी खामियां ढूंढकर संबंधित एजेंसियों को सतर्क किया है. जिससे कई संभावित साइबर हमलों को रोका जा सका.

नासा को भेजी थी जानकारी

रामजी ने बताया कि 14 मई की रात वह यूं ही कुछ वेबसाइट्स ब्राउज कर रहे थे, तभी नासा की साइट में एक तकनीकी त्रुटि नजर आई. उन्होंने तुरंत उस खामी को ट्रैक कर विस्तृत जानकारी नासा को भेज दी. महज पांच दिनों के भीतर, 19 मई को नासा ने आधिकारिक रूप से उस खामी को स्वीकार करते हुए वेबसाइट में सुधार किया और रामजी का नाम अपने साइबर सिक्योरिटी हॉल ऑफ फेम में दर्ज कर लिया.

“हैकिंग जिम्मेदारी है, शौक नहीं”

रामजी कहते हैं, “मेरे लिए हैकिंग केवल तकनीकी खेल नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है. मैं चाहता हूं कि अपने ज्ञान का उपयोग डिजिटल दुनिया को अधिक सुरक्षित बनाने में कर सकूं.”

समाज के लिए भी कर रहे काम

रामजी सिर्फ तकनीकी खोजों तक सीमित नहीं हैं. वे पुलिस विभाग को साइबर क्राइम से निपटने के लिए ट्रेनिंग भी देते हैं और ऑनलाइन अपराधों की जांच में सहयोग करते हैं. इसके साथ ही वे गरीब और वंचित बच्चों को तकनीकी शिक्षा देकर डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में भी काम कर रहे हैं.

शिक्षा और सम्मान

रामजी वर्तमान में दिल्ली से बीटेक की तैयारी कर रहे हैं. उनके पिता एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और समस्तीपुर में एक एनजीओ चलाते हैं. भारत सरकार के ‘Youth for Unnati and Vikas with AI’ कार्यक्रम में रामजी को देश के शीर्ष 50 AI समाधानों में भी स्थान मिल चुका है.

रामजी की इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती. तकनीकी दुनिया में रामजी अब एक प्रेरणा बन चुके हैं.

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