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Bihar Bhumi : किसने दी CO को छुट्टी…सुधर जाइए वरना फील्ड में रहने लायक नहीं रहने देंगे, एक्शन में दिखे विजय कुमार सिन्हा

Bihar Bhumi: बिहार में जमीन से जुड़े कामों को लेकर आम लोगों की शिकायतें अब भारी पड़ने लगी हैं. सरकार ने साफ कर दिया है कि लापरवाही और टालमटोल का दौर खत्म होने वाला है. समीक्षा बैठक में हालात ऐसे रहे कि सवालों से बचने के लिए कई अधिकारी मेडिकल लीव पर चले गए.

Bihar Bhumi: राज्य में दाखिल-खारिज, परिमार्जन और अन्य भूमि सेवाओं में खराब प्रदर्शन करने वाले अंचल अधिकारियों पर उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा सख्त नजर आए. पटना के ज्ञान भवन में आयोजित भूमि सुधार जनकल्याण कार्यशाला के दौरान उन्होंने सभी 537 सीओ को 31 दिसंबर तक कामकाज सुधारने की मोहलत दी और चेतावनी दी कि इसके बाद किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

समीक्षा बैठक में खुली विभागीय हकीकत

कार्यशाला के दौरान मासिक वर्किंग परफॉरमेंस ग्रेडिंग की समीक्षा की गई. इसमें सबसे नीचे प्रदर्शन करने वाले पांच अंचल अधिकारियों के नाम पुकारे गए. इनमें से चार सीओ बैठक में मौजूद नहीं थे.

शाहपुर, सोनबरसा (सहरसा), बेतिया और बोधगया के सीओ की गैरमौजूदगी पर विभागीय स्तर पर गंभीर सवाल खड़े हुए. बताया गया कि ये अधिकारी मेडिकल लीव पर चले गए थे, जिससे सरकार की नाराजगी और बढ़ गई.

सीधे शब्दों में चेतावनी- सुधरिए या हटिए

उपमुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि 31 दिसंबर तक सभी सीओ अपने कामकाज में सुधार करें, अन्यथा विभाग उन्हें बदलने से पीछे नहीं हटेगा. उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि मेडिकल लीव लेकर जिम्मेदारी से बचने की कोशिश बर्दाश्त नहीं होगी और जरूरत पड़ी तो यह लीव स्थायी छुट्टी में भी बदली जा सकती है. उन्होंने यह भी साफ किया कि उड़नदस्ता खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों पर नजर रखेगा.

हर अंचल कार्यालय में लगेगी शिकायत पेटी

राजस्व विभाग में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. राज्य के सभी 537 अंचल कार्यालयों और 101 डीसीएलआर कार्यालयों में शिकायत पेटी लगाई जाएगी. आम लोग सीधे अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे. राजस्व कर्मचारियों की शिकायतों की जांच सीओ करेंगे, जबकि सीओ के खिलाफ आई शिकायतों की जांच डीसीएलआर स्तर पर होगी.

म्यूटेशन और परिमार्जन बने प्राथमिकता

उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया कि दाखिल-खारिज और परिमार्जन के मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाए. आवेदनों को बेवजह रिजेक्ट या रेफर न किया जाए और लोगों को बरगलाने की शिकायतें किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं होंगी.

सरकार अब कागजी रिपोर्ट तक सीमित नहीं रहना चाहती. उपमुख्यमंत्री ने घोषणा की कि 14 जनवरी के बाद वे राज्य भ्रमण पर निकलेंगे और आम लोगों से सीधे फीडबैक लेंगे. इसके आधार पर आगे सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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Pratyush Prashant
Pratyush Prashant
कंटेंट एडिटर और तीन बार लाड़ली मीडिया अवॉर्ड विजेता. जेंडर और मीडिया विषय में पीएच.डी. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल की बिहार टीम में कार्यरत. डेवलपमेंट, ओरिजनल और राजनीतिक खबरों पर लेखन में विशेष रुचि. सामाजिक सरोकारों, मीडिया विमर्श और समकालीन राजनीति पर पैनी नजर. किताबें पढ़ना और वायलीन बजाना पसंद.

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