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दो आतंकियों को ढेर करने के बाद हुआ जख्मी

शाबासी. सरहद पर भोजपुर के लाल ऋषि के कमाल को पूरा देश कर रहा सलाम ऋषि के हौसले और बहादुरी से जिले का सिर गर्व से हुआ ऊंचा आरा : सरहद पर भोजपुर के लाल के कमाल को पूरा देश सलाम कर रहा है. जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में दो आतंकियों को ढेर करने और […]

शाबासी. सरहद पर भोजपुर के लाल ऋषि के कमाल को पूरा देश कर रहा सलाम

ऋषि के हौसले और बहादुरी से जिले का सिर गर्व से हुआ ऊंचा
आरा : सरहद पर भोजपुर के लाल के कमाल को पूरा देश सलाम कर रहा है. जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में दो आतंकियों को ढेर करने और तीसरे को गोली मारने के बाद हमले में जख्मी हुआ जवान ऋषि भोजपुर जिले के सहार प्रखंड के चौरी थाना क्षेत्र के धनछुहा गांव का रहनेवाला है. ऋषि के हौसले और बहादुरी से जिले का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है.
जांबाज जवान का पूरा परिवार बेटे की बहादुरी पर गर्व कर रहा है. धनछुहां गांव के रहने वाले नंद किशोर राय व ललिता मनी देवी के पुत्र ऋषि कुमार के बहादुरी की चर्चा घटना के बाद से ही पूरे जिले में हो रही है. घटना की जानकारी परिजनों को मिली, तो पूरा परिवार थोड़ा परेशान हुआ, लेकिन बेटे के साहसिक कारनामे पर सीना भी ठोक रहा था.
बता दें कि सैन्य शिविर पर आतंकी हमले में भोजपुर का एक जवान ऋषि कुमार ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए दो आतंकियों को मौके पर ही मार गिराया. इस कार्रवाई में भोजपुर का जवान ऋषि कुमार घायल तो हो गया, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी. गिर कर संभलते हुए उसने दोबारा हथियार उठा कर तीसरे आतंकी को भी गोली मार दी. हालांकि तीसरा आतंकी भागने में सफल रहा. इस घटना में भोजपुर के जवान ऋषि कुमार को भी गोली लगी है, जिनका इलाज जम्मू कश्मीर के सैन्य अस्पताल में चल रहा है.
जख्मी होने के बाद कैंप के साथी के मोबाइल से ऋषि ने घर वालों को दी सूचना : आतंकियों को ढेर करने के बाद जख्मी जवान ऋषि के हौसले बुलंद थे. जख्मी होने के बाद उसने कैंप के एक साथी से अपनी पत्नी के मोबाइल पर फोन किया और घटना की जानकारी खुद ही अपने परिजनों को दी. ऋषि के पिता ने बताया कि बहू ने फोन लाकर दिया और बेटे से बात हुई तो उसने घायल होने की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद हमलोग तो डर गये थे, लेकिन बेटे ने ही हमलोगों को हौसला दिया.
2012 में हुई थी शादी, हैं दो मासूम बेटियां : सरहद पर जख्मी हुए जवान की दो मासूम बेटियां है. बड़ी बेटी दीप शिखा चार साल और छोटी बेटी दीप लक्ष्मी दो साल की है. जवान की शादी 2012 में ईमादपुर की रहने वाली निशी देवी के साथ हुई थी. शादी के बाद से ही निशी देवी गांव में ही रहती है. होली के समय घायल जवान अपने गांव आया था. घटना की तीन चार दिन पहले पत्नी से पूरी बातचीत भी हुई थी.
घटना के बाद जवान के घर जुटी लोगों की भीड़ : कुपवाड़ा में आतंकी हमले में ऋषि के जख्मी होने की जानकारी मिलते ही धनछुहां गांव में लोगों की भीड़ जुट गयी. जख्मी के पिता नंद किशोर राय से लोग पूरे मामले की जानकारी लेते रहे. जिसको जैसे ही सूचना मिली तुरंत धनछुहां फोन लगाकर पूछते रहर. इस दौरान गांव के मुखिया से लेकर कई जनप्रतिनिधि भी धनछुहां पहुंचे और ऋषि की बहादुरी की चर्चा करते रहे.
दो दिन पहले भोजपुर का ही एक लाल हुआ था शहीद :
अभी भोजपुर के एक लाल अभय मिश्रा की शहादत की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि भोजपुर के एक और लाल ने देश के सीमा पर आतंकियों को मारकर जिले व सूबे का नाम रोशन कर दिया है.
उसने आतंकी हमले में दुश्मनों को मार गिराया है. इस बहादुरी से बिहार ही नहीं बल्कि पूरा देश गर्व कर रहा है.
भोजपुर के सहार प्रखंड के धनछुहां का रहने वाला है जांबाज कुपवाड़ा में आतंकियों को ढेर करने में हो गये हैं जख्मी
बड़े चाचा को भी मिला है महावीर चक्र
भोजपुर जिले के चौरी थाना अंतर्गत धनछुहां गांव के रहने वाले ऋषि के पिता किसान नंद किशोर राय पांच भाई है, जिनमें दो बड़े भाई सत्यनारायण राय और जय किशोर राय दोनों सेना से सेवानिवृत्त हैं और तीन छोटे भाई अवधेश राय, रामकिशोर राय तथा नंद किशोर राय गांव पर ही किसान हैं. ऋषि के पिता नंद किशोर राय ने बताया कि उनके बड़े भाई सत्यनारायण राय 1971 की लड़ाई के साथ श्रीलंका की शांति सेना में भी शामिल थे.
श्रीलंका की लड़ाई में अहम रोल अदा करने के लिए उन्हें महावीर चक्र प्राप्त हुआ है. परिवार का इतिहास शुरू से ही देश के लिए लड़ने वाला रहा है. दो भाइयों ने भी देश की सेवा की है.
पिता बोले, ऋषि मेरा नहीं देश का बेटा, पत्नी ने किया सैल्यूट
सरहद पर आतंकियों को धूल चटाने वाले जांबाज जवान ऋषि के पिता नंदकिशोर राय का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है. बेटे की बहादुरी को सलाम करते हुए कहा कि ऋषि मेरा नहीं, देश का बेटा है. उन्होंने कहा कि भारत मां की रक्षा के लिए बेटे ने बहुत बड़ा काम किया है. बेटे ने मेरा सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है. वहीं जवान की पत्नी निशी देवी ने कहा कि इस कार्य के लिए मैं अपने पति को सैल्यूट करती हूं. उन्होंने कहा कि पति ने जो किया वह पूरे देश के लिए गर्व की बात है.
ऋषि की मां ललिता मनी देवी ने कहा कि बेटे के जख्मी होने से मन थोड़ा बेचैन था, लेकिन खुशी इस बात की थी कि भारत मां की रक्षा के लिए बेटे ने दो आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया. बता दे कि नंद किशोर राय के दो पुत्र और एक पुत्री है. बड़ा बेटा ऋषि सेना में है तो दूसरा बेटा शशि कुमार पढ़ाई कर रहा है और वह भी सेना में जाने की तैयारी कर रहा है.
2010 में सेना में हुआ था भरती : जवान ऋषि के पिता नंद किशोर राय ने बताया कि स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद देश की सेवा की भावना शुरू से ही ऋषि में थी. सेना में बहाल होने के लिए अक्सर दौड़ा करता था. 30 अप्रैल, 2010 को दानापुर में बहाल हुआ जिसके बाद नासिक में ट्रेनिंग के लिए भेज दिया गया.
ट्रेनिंग समाप्त करने के बाद उसे भटिंडा में पहली पोस्टिंग की गयी, जिसके बाद उसे जम्मू में भेज दिया गया. ऋषि को अपने पिता के बड़े भाइयों से आर्मी में जाने की काफी कुछ सीख मिली थी.

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