लोक अदालत में निष्पादित मामलों की नहीं होती है अपील : जिला जज
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4609 मामले निष्पादित लाभान्वित . राष्ट्रीय लोक अदालत में बनायी गयीं 10 बेंचें
लोक अदालत में निष्पादित मामलों की नहीं होती है अपील : जिला जज आरा : सिविल कोर्ट परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. लोक अदालत में 4609 मामलों का निष्पादन किया गया. मामले के निष्पादन को लेकर सिविल कोर्ट में लोगों का उद्घाटन समारोह का आयोजन शनिवार को सिविल कोर्ट परिसर में […]
आरा : सिविल कोर्ट परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. लोक अदालत में 4609 मामलों का निष्पादन किया गया. मामले के निष्पादन को लेकर सिविल कोर्ट में लोगों का उद्घाटन समारोह का आयोजन शनिवार को सिविल कोर्ट परिसर में जिला एवं सत्र न्यायाधीश एके झा की अध्यक्षता में किया गया.
जिला जज एके झा, सीजेएम वीडी राय, जिलाधिकारी डॉ वीरेंद्र प्रसाद यादव, प्रभारी पुलिस अधीक्षक जेपी कर्ण, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रामाधार सिंह व सचिव राजेश पांडेय ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन किया. जिला जज श्री झा ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि लोक अदालत में मामले का निबटारा के बाद कोई विवाद नहीं रह जाता है. मामले का निष्पादन अंतिम होता है. इसका अपील कहीं नहीं होती है. लोक अदालत में अब तक लाखों मुकदमे व विवादों का निबटारा हो चुका है.
जिलाधिकारी डॉ वीरेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि सुलहनीय छोटे-छोटे मामलों को लोक अदालत में निबटाएं. समारोह में न्यायिक पदाधिकारी, जीपी राजनाथ सिंह, विशेष लोक अभियोजक सत्येंद्र सिंह दारा, बैंक अधिकारी, विद्युत कार्यपालक अभियंता एसके बेरीओ सहित कई लोग मौजूद थे.
3 करोड़ 36 लाख के बैंक लोन का हुआ सेटलमेंट : मेगा लोक अदालत में बैंक लोन का सेटलमेंट काफी बड़ी संख्या में हुआ. बैंक लोन के सबसे अधिक मामले भी लोक अदालत में आये थे. 10290 मामले आये थे, जिसमें से 758 मामलों का निष्पादन किया गया. इन मामलों के तहत 3 करोड़ 36 लाख 19 हजार 42 रुपये के बैंक लोन का सेटलमेंट किया गया. इसके अलावा क्रिमनल से संबंधित लगभग 2 हजार और टेलीफोन से संबंधित 1 हजार मामले आये हुए थे.
षष्टम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव राजेश कुमार ने बताया कि लोक अदालत में मामले के निष्पादन के लिए कुल 10 बेंच बनाये गये थे.
बेंच के सदस्य अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश योगेश नारायण सिंह, हर्षित सिंह, राजेश कुमार, सीजेएम विष्णुदेव राय, सब जज नूर सुल्ताना, हरि प्रसाद, उमेश कुमार, प्रणव शंकर, प्रतिभा, मुंसिफ अमित कुमार पांडेय, पैनल अधिवक्ता विनोद कुमार सिंह, जुगेश्वर प्रसाद उर्फ हीरा, डाॅ सुनील कुमार सिंह, रंभा कुमारी, एमएन सिन्हा, अरविंद सिंह, अरसद मोहम्मद जफर, वासुदेव नारायण सच्चु व निर्मला कुमारी ने आपसी समझौते के तहत कई मामलों का निष्पादन किया. समझौता के तहत लोक अदालत में बैंक ऋण के मामले, राजस्व, अापराधिक व दीवानी मामले, मोटर दुर्घटना दावा, उपभोक्ता व बिजली के मामले, मापतौल व टेलीफोन मामले सहित अन्य मामले का निष्पादन किया गया.
जिला जज व प्रथम एडीजे ने स्टॉलों का किया निरीक्षण
जिला जज एके झा व प्रथम एडीजे बीबी सिंह ने सभी बेंच का निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिये. निरीक्षण के दौरान समस्या होने पर मार्ग दर्शन भी दिया जा रहा था. लोक अदालत में बैंक अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, बिजली कंपनी के कार्यपालक अभियंता, अधिवक्ता विमलेश कुमार बुलगानी, स्थायी लोक अदालत सदस्य नेयाज गुलाम सरवर उर्फ मंटू, अदालत कर्मी विनय कुमार, अभय कुमार, गौरीशंकर राम, सुधांशू शेखर, रमेश कुमार , अक्षिता चंद्रा, रंजीत, उमाशंकर, विजय कुमार, कई कर्मी, बीमा कंपनी के अधिवक्ता आनंद मोहन उर्फ दीपक सहित कई लोग मौजूद थे.
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