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पशु मेला हादसा. देखऽ एहिजे बिजली के तार टूटे से मौत भईल रहे

प्रभात फॉलोअप प्रत्यक्षदर्शियों ने सुनायी पीड़ा, हादसे के बाद सूना पड़ा है गड़हनी पशु मेला मेले की जमीन में सन्नाटे के बाद भी लोगों की दौड़ती रहीं नजरें आरा : गड़हनी में लगने वाले मेले में मौत ने तांडव मचाया. कल तक गुलजार रहने वाला यह मेला बुधवार को सुना पड़ा था. मनुष्यों व पशुओं […]

प्रभात फॉलोअप

प्रत्यक्षदर्शियों ने सुनायी पीड़ा, हादसे के बाद सूना पड़ा है गड़हनी पशु मेला
मेले की जमीन में सन्नाटे के बाद भी लोगों की दौड़ती रहीं नजरें
आरा : गड़हनी में लगने वाले मेले में मौत ने तांडव मचाया. कल तक गुलजार रहने वाला यह मेला बुधवार को सुना पड़ा था. मनुष्यों व पशुओं की जिंदगी को छीनने वाले इस मेले के पास कोई जाने को भी तैयार नहीं था. बिल्कुल ही सुनसान और शांत दिखाई दे रहा था. यह स्थान जहां बरसों से प्रत्येक मंगलवार को मेला का आयोजन किया जाता था. हर आने-जाने वाले की नजर एक बार जरूर इस मेले पर पड़ती थी और अपने साथ चलने वाले लोगों को कह उठते थे,
देखअ एहिजे बिजली के तार टूटे से मौत भईल रहे…. आरा-सासाराम मुख्य मार्ग पर इस रास्ते से चलने वाले शायद ही कोई लोग होंगे, जिनकी नजर इस मेले पर नहीं पड़ती होगी. प्रत्यक्षदर्शियों के तो उस दृश्य के बारे में सोचकर रोंगटे खड़े हो जा रहे हैं. मौत का मंजर को आंखों से देखने वाले गड़हनी के शंकर ने कहा कि भगवान कहीं न कहीं है जरूर, क्योंकि मुझे सड़क के किनारे खड़े रामप्रवेश जबरन मेले में ले जा रहे थे कि ‘
आवअ भैंस खरीदे चले के, हम पान खाए खातिर कहनी कि पान खईला के बाद जाईम, ए ही मे देर हो गईल, तभी घटना घट गइल.’ उसने बताया कि मैंने खुद देखा कि पहले हरे कृष्ण पोल के पास खड़े थे. वह लगातार करेंट के झटके खा रहे थे. एक-एक कर पशु झटका खाने के बाद मृत हो गये. भगवान का शुक्र है कि मैं बच गया. ऐसी बात कई लोगों के साथ घटी. मेले के पास से गुजरने वाले लोग दूर से ही उस स्थान को अपनी निगाहों में कैद कर रहे थे.
लेकिन, पास जाने की हिम्मत किसी में नहीं थी. वहां खड़े रामकुमार, संतोष, बृजमोहन सड़क की दूसरी तरफ से सिर्फ मेले की खाली पड़ी जमीन को देख रहे थे. उनमें हिम्मत नहीं हो रही थी कि दूसरी तरफ जाकर स्थिति का जायजा ले सकें. गड़हनी के धमनियां निवासी राजू चौबे कहते हैं कि यदि प्रशासन सजग नहीं होता, तो हादसा बड़ा होता. उन्होंने बताया कि बिजली विभाग के कर्मचारी यदि ठीक से तार को लगाये रहते, तो यह हादसा नहीं होता.
सुबह तार कसा गया और शाम को टूट गया, तो इसके जिम्मेवार तो बिजली विभाग के अधिकारी हैं. अधिकारी और कर्मचारी दोनों पर कार्रवाई होनी चाहिए. बता दें कि मंगलवार की दोपहर गड़हनी में लगने वाले पशु मेला में करेंट से दो व्यक्ति की मौत व करीब तीन दर्जन लोग झुलस गये थे और दो दर्जन से ज्यादा पशुओं की मौत हो गयी थी.
अस्पताल परिसर में बैठीं पीड़ित परिवार की महिलाएं.

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