खौफजदा . घनी आबादी वाले मकानों के बीच से हाइ टेंशन तार गुजर रहे हैं
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शहर में पग-पग पर है जर्जर तारों से खतरा
खौफजदा . घनी आबादी वाले मकानों के बीच से हाइ टेंशन तार गुजर रहे हैं विद्युत विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि घनी आबादी वाले मकानों के बीच से हाइ टेंशन तार गुजर रहे हैं. लोड बढ़ने के साथ ही तार नीचे की तरफ झुक जाते हैं, जिससे आये दिन हादसे होते रहते […]
विद्युत विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि घनी आबादी वाले मकानों के बीच से हाइ टेंशन तार गुजर रहे हैं. लोड बढ़ने के साथ ही तार नीचे की तरफ झुक जाते हैं, जिससे आये दिन हादसे होते रहते हैं. शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र जर्जर तारों ने समय-समय पर तांडव मचाया है. शहर के गोढना रोड स्थित पावरगंज मोहल्ले में कई मकानों के ऊपर से 33 हजार वोल्ट के तार गुजरे हैं, जिससे स्थानीय लोग हर वक्त काफी भयभीत रहते हैं.
आरा : विद्युत विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि घनी आबादी वाले मकानों के बीच से हाइ टेंशन तार गुजर रहे हैं. लोड बढ़ने के साथ ही तार नीचे की तरफ झुक जाते हैं, जिससे आये दिन हादसे होते रहते हैं. शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र जर्जर तारों ने समय-समय पर तांडव मचाया है. शहर के गोढना रोड स्थित पावरगंज मोहल्ले में कई मकानों के ऊपर से 33 हजार वोल्ट के तार गुजरे हैं, जिससे स्थानीय लोग हर वक्त काफी भयभीत रहते हैं.
कई बार तार को और ऊपर करने या अंडर ग्राउंड करने को लेकर आवेदन भी दिये हैं, लेकिन आज तक विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. कई बार बिजली के जर्जर तारों ने ऐसा कहर बरपाया है कि कई लोग असमय काल के गाल में चले गये, तो कई हमेशा के लिए अपंग होकर कष्टदायी जीवन जी रहे हैं.
हाइ टेंशन तार की ऊंचाई है जमीन से महज 10 फुट ऊंची : शहर के दो वार्ड ऐसे हैं, जहां लोग बिजली के जर्जर व हाइ टेंशन तार से खौफजदा हैं. बलबतरा में कई ऐसे लोग मिल जायेंगे, जो बिजली विभाग की लापरवाही के कारण अपंग होकर कष्टमय जीवन जीने को मजबूर हैं. वहीं पावरगंज मोहल्ले में 33 हजार हाइ टेंशन तार की ऊंचाई जमीन से महज 10 फुट ऊंची है.
जर्जर तारों ने सनदिया में मचायी थी तबाही, फिर भी नहीं बदले तार: वर्ष 2014-15 में जर्जर तारों ने भारी तबाही मचायी थी. 11 हजार वोल्ट के तार खटाल पर गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी, वहीं पांच मवेशियों की भी मौत हो गयी थी. उस समय जमकर बवाल हुआ था, जिसके बाद विभाग ने जर्जर तारों को बदलने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक जर्जर तारों को बदला नहीं गया है.
संपत्ति जलने पर आपदा के तहत मिलता है मुआवजा : बिजली के जर्जर तार गिरने से अगर संपत्ति की क्षति होती है, तो उसे आपदा के तहत मुआवजा मिलता है. विभाग से उसे किसी तरह का मुआवजा नहीं दिया जाता है.
क्या कहते हैं अधिकारी
मैन पावर की कमी है. हमलोगों ने कई बार मीटिंग में इन मामलों को उठाया है. शहर के लोगों द्वारा सूचना मिलने पर बिजली के जर्जर तारों को बदला जाता है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में मैन पावर की कमी के कारण थोड़ा वक्त लग जाता है, पर उसे भी बदल दिया जाता है. बिजली के जर्जर तारों के कारण कोई घटना नहीं हो, इसको लेकर बिजली विभाग काफी गंभीर है. सभी लोग काफी सजग रहते हैं.
राजकुमार, कार्यपालक अभयंता, बिजली विभाग
मुआवजे का है प्रावधान, ऐसे करें आवेदन
विद्युत विभाग की लापरवाही के कारण किसी की मृत्यु होती है, तो विभाग से मुआवजे का प्रावधान है. अगर करेंट की चपेट में आकर किसी की मृत्यु होती है, तो सबसे पहले एफआइआर दर्ज करनी पड़ेगी. इसके साथ ही पोस्टमार्टम भी करवानी होगी. आवेदन देने के बाद पारिवारिक सूची विभाग को देनी होगी.
आवेदन के आलोक में विभाग स्थलीय जांच के लिए दो अधिकारियों को भेजता है. अधिकारी स्थल निरीक्षण के दौरान यह देखते हैं कि गलती किसकी है. अगर विभाग की गलती से हादसा हुआ है, तो उसे मुआवजे के तौर पर दो लाख रुपये मिलेंगे. अब यह मुआवजा राशि चार लाख रुपये हो गयी है. अगर जांच के दौरान विभाग की गलती नजर नहीं आती है, तो मुआवजे की राशि से आप वंचित हो सकते हैं. आवेदन अपने क्षेत्र के बिजली विभाग के सहायक अभियंता के यहां दे सकते हैं.
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