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PM मोदी ने बिहार को दिया सवा लाख करोड़ का पैकेज

आरा :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को आरा में बिहार के लिए विशेष पैकेज का एलान किया. आरा के रमना मैदान में केंद्रीय सड़क परिवहन विभाग की परियोजनाओं का शिलान्यास एवं उद‌्घाटन करने आये प्रधानमंत्री ने बिहार के लिए सवा लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की. करीब आधे घंटे देर से सभा स्थल […]

आरा :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को आरा में बिहार के लिए विशेष पैकेज का एलान किया. आरा के रमना मैदान में केंद्रीय सड़क परिवहन विभाग की परियोजनाओं का शिलान्यास एवं उद‌्घाटन करने आये प्रधानमंत्री ने बिहार के लिए सवा लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की. करीब आधे घंटे देर से सभा स्थल पर पहुंचे प्रधानमंत्री ने कहा कि सवा लाख करोड़ की यह राशि में राज्य पहले से चल रही 40,657 करोड़ की सड़क और बिजली परियोजनाओं के अतिरिक्त होगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि कुल मिला कर बिहार के हिस्से 1.65 लाख करोड़ रुपये आयेंगे.
अपने 40 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री ने न सिर्फ बिहार को चुनावी वादों के अनुरूप विशेष पैकेज दे गये, बल्कि युवाओं को कौशल विकास और नये रोजगार के वादे कर उन्हें पुचकारा भी. प्रधानमंत्री ने नये राज्यपाल रामनाथ कोविंद से आरा की जनता को रू-ब-रू कराया और साथ आये केंद्रीय मंत्रियों का उत्साहवर्धन भी किया. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी निशाने पर रखा. जब उन्होंने सवा लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज का एलान किया, तो भीड़ ने खूब तालियां बजायीं और मोदी-मोदी के नारे लगाये. प्रधानमंत्री ने भोजपुरी मेंअपने संबोधन का आरंभ करते हुए जैसे ही कहा, ‘रउरा सब लोग के हमार प्रणाम. लोकसभा चुनाव के बाद हम भोजपुर आइल बानी, बाबू वीर कुंवर सिंह की धरती पर रउरा लोगन के बहुत-बहुत प्रणाम,’ मोदी-मोदी के नारे लगे. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में बीती रात दुबई यात्रा की भी चर्चा की.
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान मैंने पचास हजार करोड़ रुपये के पैकेज का वादा किया था़ लेकिन, जब दिल्ली की सत्ता में आया और वहां की बारिकियां देखीं, तो पता चला कि बिहार का काम सिर्फ पचास हजार करोड़ रुपये से नहीं चलनेवाला. उन्होने उपस्थित भीड़ से पूछा कि पचास या साठ हजार करोड़ रुपये से काम चलेगा, भीड़ ने कहा नहीं. भीड़ का मिजाज देख वह आगे बढ़ते गये. बात 90 हजार करोड़ तक गयी. भीड़ ने जब कहा नहीं, तो अचानक प्रधानमंत्री रुके और वीर कुंवर सिंह व जयप्रकाश नारायण को याद करते हुए सवा लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की. प्रधानमंत्री ने बिहार की चिर-प्रतिक्षित विशेष पैकेज की घोषणा के साथ-साथ नेशनल हाइवे की 97000 करोड़ की से 11 परियोजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन किया.
प्रधानमंत्री ने 878 करोड़ की लागत से मुजपफरपुर-सीतामढ़ी-सोनबरसा सड़क का उद्घाटन किया और कौशल विकास योजनाओं की भी शुरुआत की. प्रधानमंत्री यहीं नहीं ठहरे, उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती केंद्र सरकार ने बिहार को 12 हजार करोड़ रुपये का पैकेज दिया था. उनमें 8282 करोड़ रुपये खर्च नहीं हुए. प्रदेश में नेशनल हाइवे की 12 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर काम चल रहा है. इसके अतिरिक्त बांका जिले में 20 हजार करोड़ रुपये की लागत से बिजली कारखाना लगनेवाला है. सबकी रकम होती है 40657 करोड़, यह राशि बिहार को सवा लाख करोड़ रुपये की रकम से अतिरिक्त होगी. प्रधानमंत्री की इस घोषणा से पूरा मैदान तालियों से गूंज उठा. मंच पर बैठ से सभी केंद्रीय मंत्री और भाजपा के नेता भी खड़े हो गये और प्रधानमंत्री को धन्यवाद कहा. प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों रकम को जोड़ दिया जाये, तो बिहार को मिलनेवाले विशेष पैकेज की राशि हो जाती है 1.65 लाख करोड़. उन्होंने बिहारवासियों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि अपने इस वादे को हर हाल में पूरा करके रहेंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि सवा लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा मैं बिहार का भाग्य बदलने के लिए कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि आज मैं आरा की धरती से अपना वादा पूरा करने आया हूं. बिहार के लिए पैकेज की घोषणा यहीं से करने जा रहा हूं. मंच पर इस समय बिहार सरकार के प्रतिनिधि के रूप में पथ निर्माण मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह मौजूद थे.
मैदान में आयी युवाओं की भीड़ से प्रधानमंत्री ने कहा कि जितनी तेजस्विता आपमें हैं, उसे और जगहों पर खोजनी पड़ती है. तभी तो यहां चाणक्य पैदा हुए. गया की सभा के दौरान बिहार को बीमारू राज्य कहे जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की टिप्पणी को याद करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मेरी बातों से नाराज हो गये. उन्होंने कहा कि यह मोदी होता कौन है बिहार को बीमारू राज्य कहनेवाला. बिहार बीमारू प्रदेश नहीं है. प्रधानमंत्री ने अपनी शैली में इसका जवाब देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी आपके मुंह में घी-शक्कर. मैं आपकी बात को स्वीकार करता हूं. यदि बिहार बीमारू प्रदेश से बाहर निकला है, तो इससे सबसे अधिक खुशी मुझे होगी. मुख्यमंत्री को निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बिहार बीमारू राज्य नहीं, मैं इसका स्वागत करता हूं. साथ ही उन्होंने उपस्थित लोगों से पूछा, जिसने पेट भर खाना खाया हो, वह किसी से खाना मांगेगा क्या? भीड़ ने जवाब दिया-नहीं. मोदी चुप नहीं रहे, कहा-कोई तंदुरुस्त हो तो वह डाक्टर के यहां जायेगा क्या, भीड़ ने कहा -नहीं. वह कहते गये, मैं हैरान हूं. एक तरफ कहते हैं मैं बीमार नहीं हूं. दूसरी तरफ कहते हैं, हमें ये दे दो, हमें वो दे दो. अब बिहार की जनता तय करे कि उसे क्या चाहिए.
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार को अब तक दो पैकेज मिले. पहला, झारखंड के अलग हो जाने के बाद 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये का विशेष पैकेज दिया. बाद में दिल्ली की सरकार बदल गयी. हालात बदल गये. कड़वा सत्य यही है कि 2013 तक इस 10 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की राशि भी बिहार की सरकार खर्च नहीं कर पायी. अब भी एक हजार करोड़ रुपये बचे हैं. दो साल पहले बिहार के अंदर राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया. यहां के मुख्यमंत्री दिल्ली पहुंचे. भीड़ से पूछा, दिल्ली में कौन-सी सरकार थी, भीड़ ने जवाब दिया-कांग्रेस. प्रधानमंत्री शुरू हो गये, बिहार के स्वाभिमान को छोड़ कर मुख्यमंत्री दिल्ली दरबार में गिड़गिड़ाये. इज्जत की खातिर दे दो, दे दो भैया दे दो. दिल्ली सरकार ने छोटा बच्चा समझ उनको खुश करने के लिए चाकलेट दे दिया. रमना मैदान में उनको सुनने आयी भीड़ को नरेंद्र मोदी ने अपने अंदाज में समझाया. कहा-जब कोई छोटा बच्चा रोता है, तो घर मेें भी उसे चाॅकलेट और बिस्किट दे दिया जाता है, तो वह चुप हो जाता है. दिल्ली सरकार ने बिहार के स्वाभिमान के साथ खिलवाड़ करते हुए सिर्फ 12 हजार करोड़ रुपये का पैकेज दिया. उसमें भी अटल सरकार के समय जो एक हजार करोड़ रुपये अटके पड़े थे, उसे भी जोड़ दिया.
पैसा मिला नहीं, कागज पर पकड़ा दिया गया. प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि बिहार सरकार ने इस राशि को भी खर्च नहीं किया. अब तक सिर्फ चार हजार करोड़ रुपये खर्च हुए. 2013-14 में और भी मामूली खर्च हुए. अब भी आठ हजार करोड़ डिब्बे में बंद है. प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों में बिहार की यात्रा में विशेष पैकेज के वादे को लेकर चुप रहा. संसद का सत्र चल रहा था. संसद की गरिमा होती है. इसलिए मैने चुप रहना पसंद किया था. इसके लिए भी मेरे बाल नोच लिये गये. यहां तक कहा गया कि जनता की आंख में धूल झोंका गया है.
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं पहले दिन से कह रहा हूं कि यदि भारत को आगे बढ़ना है, तो पश्चिमी राज्य के विकास से काम नहीं चलनेवाला. पूर्वी राज्यों को भी विकास करना होगा. उन्होंने बिहार, पूर्वी यूपी, पश्चिम बंगाल, आसाम और पूर्वोतर राज्यों के नाम लिये.
एक तरफ मेक इन इंडिया दूसरी तरफ स्कील इंडिया
इसके पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जिन परियोजनाओं का शिलान्यास हो रहा है, वे बिहार का शक्ल, सूरत और भाग्य बदल देंगी़ बिहार के नौजवानों को अद‌्भुत क्षमता देंगी और उन्हें ताकत देंगी. उन्होंने अपने भाषण में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को फ्लाइओवर मंत्री कहा, तो राजीव प्रताप रूडी को कौशल विकास से देश के युवाओं को संवारनेवाला मंत्री बताया. उन्होंने कहा कि बिहार में कारखाना लगाने वाले आ रहे हैं. इस समय बिहार को बिजली और स्किल्ड युवाओं की जरूरत होगी. उन्होंने कहा कि वह टुकड़ों-टुकड़ों में विकास की बात नहीं करते. विकास एक साथ होगा, तभी इसका अंजाम नजर आयेगा. मेक इन इंडिया के तहत विदेशों से कहा कि वह भारत में पूंजी लगाये और कारखाना लगे, इससे पहले युवाओं के स्किल्ड डेवलपमेंट की योजना भी शुरू की. उन्होने कहा कि आबूधाबी की सरकार ने देश में साढ़े चार लाख करोड़ रुपये की पूंजी निवेश की बात कही है.
प्रधानमंत्री ने युवाओं से खूब सवाल-जवाब किये. उन्होंने पूछा कि बिहार को बिजली चाहिए या नहीं. स्टार्टअप और स्टैंडअप प्रोग्राम का भी उन्होंने चर्चा की़ कहा कि मैंने बैंकों से कहा है कि अपने पैसे में से कम-से-कम एक दलित और पिछड़ी जाति से आनेवाली माताओं के बेटे को रोजगार के लिए धन उपलब्ध कराये. एक भी ऐसा युवक खड़ा होता है, तो यही है स्टार्टअप इंडिया. उन्होंने कृषि और किसानों की भी चर्चा की. प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक किसान सरकार के ऐजेंडे में नहीं थे. कृषि उत्पादन पर फोकस किया गया, पर किसानों की हालत पर ध्यान नहीं दिया गया़ उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह का नाम लेते हुए कहा कि अब हमारी सरकार ने कृषि और किसान के विकास के लिए अलग से काम करना आरंभ किया है.
इस मौके पर राज्यपाल रामनाथ कोविंद, केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री रामविलास पासवान, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, आइटी और संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद, पेट्रोलियम राज्यमंत्री धर्मेंद्र प्रधान, कौशल विकास राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूडी, केंद्रीय लघु, सुक्ष्म उद्योग राज्यमंत्री गिरिराज सिंह, केंद्रीय पेयजल राज्यमंत्री रामकृपाल यादव, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विधानसभा में विपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव, आरा के सांसद आरके सिंह और स्थानीय विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह. धन्यवाद ज्ञापन राजीव प्रताप रूडी ने दिया. उन्होंने अपनी बातें भोजपुरी भाषा में रखीं.

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