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एमडीएम के लिए छात्र-छात्राओं ने लगायी कतार, हुए निराश

बिहिया : सरकार द्वारा विद्यालयों में चलायी जा रही एमडीएम योजना बच्चों को किस कदर विद्यालय की ओर खींच लाती है इसकी बानगी बिहिया प्रखंड की फिनगी पंचायत स्थित प्रायोगिक मध्य विद्यालय में देखने को मिली. लंच के समय छात्र-छात्राओं को जैसे ही यह सूचना मिली कि आज एमडीएम नहीं बना है, देखते ही देखते […]

बिहिया : सरकार द्वारा विद्यालयों में चलायी जा रही एमडीएम योजना बच्चों को किस कदर विद्यालय की ओर खींच लाती है इसकी बानगी बिहिया प्रखंड की फिनगी पंचायत स्थित प्रायोगिक मध्य विद्यालय में देखने को मिली. लंच के समय छात्र-छात्राओं को जैसे ही यह सूचना मिली कि आज एमडीएम नहीं बना है, देखते ही देखते विद्यालय परिसर बच्चों से खाली हो गया. प्रभात खबर की टीम जब विद्यालय में बुधवार की दोपहर लगभग 12.30 में पहुंची, तो पाया कि विद्यालय में कक्षाएं तो संचालित हो रही हैं,

परंतु विद्यालय के रसोई घर में ताला लटका हुआ है. प्रधानाध्यापक ब्रजेंद्र कुमार के संबंध में बताया गया कि वे विद्यालय के कार्य से डीईओ कार्यालय आरा गये हुए हैं. वहीं, एमडीएम के संबंध में पूछे जाने पर विद्यालय के मध्याह्न भोजन के प्रभारी शिक्षक शशिभूषण प्रसाद ने बताया कि चावल के अभाव में विद्यालय में आज एमडीएम नहीं बना है. बताया गया कि विद्यालय में चावल समाप्ति के पूर्व ही दो-दो बार प्रखंड मध्याह्न भोजन साधनसेवी को सूचित किया गया था, बावजूद विद्यालय को चावल उपलब्ध नहीं कराया गया, जिससे मध्याह्न भोजन बंद है.

लाइन में लगे, पर नहीं मिला खाना : विद्यालय में कक्षा एक से आठ तक नामांकित कुल 492 छात्र-छात्राओं में बुधवार को 259 छात्र विद्यालय पहुंचे थे. लंच तक अपनी कक्षाएं करने के बाद नित्य की भांति नन्हे-मुन्ने छात्र-छात्राएं भोजन के लिए मैदान में आकर कतार में खड़े हो गये, परंतु जैसे ही उन्हें बताया गया कि आज भोजन नहीं बना है, मायूस छात्र अपना बैग उठाकर घर की ओर चल पड़े और देखते ही देखते विद्यालय परिसर खाली हो गया.
विद्यालय में ही पढ़ती हैं कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय की छात्राएं : प्रायोगिक मध्य विद्यालय परिसर में ही कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय का छात्रावास है. बताया गया कि कस्तूरबा की कक्षा छह, सात व आठ की छात्राएं पढ़ाई के लिए यहीं आती हैं, जबकि उनका भोजन उनके छात्रावास में ही बनता है तथा वहीं रहती हैं.
चावल के अभाव में स्कूल में एमडीएम हुआ बंद
अंडा व फल से अब तक वंचित हैं छात्र
चावल के अभाव में प्रखंड के लगभग 50 फीसदी विद्यालयों में मध्याह्न भोजन बंद है. चावल का आवंटन जैसे-जैसे आता है, वैसे-वैसे विद्यालयों को भेजा जाता है, इसमें वे कुछ भी नहीं कर सकते हैं.
सतेंद्र कुमार, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी
निर्धारित राशि में भोजन देना मुश्किल
कक्षा एक से पांच तक के छात्रों के लिए प्रति छात्र 4.13 रुपये प्राप्त होता है, जो जलावन, मसाला, तेल आदि सामग्री पर खर्च होती है. इसके अलावा प्रति छात्र 100 ग्राम चावल प्राप्त होता है, जबकि कक्षा छह से आठ के छात्रों के लिए प्रति छात्र 6.18 रुपये व 150 ग्राम चावल प्राप्त होता है. मिड डे मिल के लिए प्रति छात्र प्राप्त राशि को विद्यालय के शिक्षकों ने दबी जबान में अपर्याप्त बताते हुए कहा कि उक्त राशि में छात्रों को मानक के अनुरूप भोजन देना काफी मुश्किल है.
अंडा व फल से अब तक वंचित हैं छात्र
कक्षा आठ की छात्रा खुशी कुमारी, मधु कुमारी, सुरेखा कुमारी, अंजली कुमारी, अतुल कुमार व वर्ग सात के अमित कुमार, राजा बाबू, सिरेन गुप्ता ने बताया कि स्कूल में उन्हें प्रतिदिन अलग-अलग मेनू के अनुसार खाना मिलता है. वहीं, अंडा व फल के बारे में पूछे जाने पर बताया कि ये चीजें अब तक नहीं मिली हैं. वहीं, स्कूल प्रबंधन का कहना था कि छात्रों को अंडा या फल देने के लिए अब तक राशि प्राप्त नहीं हो पायी है, जिससे छात्रों के मेनू में इन चीजों को शामिल नहीं किया जा सका है.
वहीं, छात्रों को शेड नहीं रहने के कारण खुले आकाश तले भोजन करना पड़ता है.

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