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मिड डे मील में मानकों से बेपरवाह स्कूल

मिड डे मील. प्रधानाचार्य बोली, अंडा परोसने के बारे में कोई भी विभागीय निर्देश नहीं मिला कोइलवर : एक दिन पहले की उपस्थिति के आधार पर राजकीय प्राथमिक विद्यालय, सुरौंधा में मध्याह्न भोजन बनाया जा रहा था, जो अपने आप में सच्चाई को दरसाता है. एमडीएम की पड़ताल को लेकर जब प्रभात खबर की टीम […]

मिड डे मील. प्रधानाचार्य बोली, अंडा परोसने के बारे में कोई भी विभागीय निर्देश नहीं मिला

कोइलवर : एक दिन पहले की उपस्थिति के आधार पर राजकीय प्राथमिक विद्यालय, सुरौंधा में मध्याह्न भोजन बनाया जा रहा था, जो अपने आप में सच्चाई को दरसाता है. एमडीएम की पड़ताल को लेकर जब प्रभात खबर की टीम कोइलवर की सुरौंधा कॉलोनी स्थित विद्यालय पहुंची, तो कई सच सामने आये.
मेनू के अनुसार नहीं दी जाती है दाल व सब्जी : विद्यालय में मेनू के अनुसार छात्रों को दाल व सब्जी नहीं दी जाती है. गुरुवार को रसोई में चावल, दाल, लौकी, आलू व फूलगोभी की सब्जी बनाने की तैयारी चल रही थी. विद्यालय की महिला रसोइया से जानकारी ली गयी तथा पूछा गया कि कितने बच्चों का खाना बनाया जा रहा है.
रसोइया ने बताया कि बुधवार को उपस्थित छात्रों की संख्या के अनुसार गुरुवार को 250 बच्चों का खाना तैयार किया जा रहा है. इसके लिए 26 किलो चावल व चार किलो दाल तथा मिश्रित सब्जी रखी गयी थी. रसोइया ने बताया कि खाना गैस पर तैयार किया जा रहा है.
325 छात्रों का है नामांकन : विद्यालय में 325 छात्रों का नामांकन है. जबकि विद्यालय में 223 छात्र ही उपस्थित थे. विद्यालय में पढ़नेवाले कक्षा पांच के छात्र शाहिद, केनोन, आशा वर्ग एक में पढ़नेवाले छात्र अभिषेक, रहमतुल्ला समेत कई छात्रों ने बताया कि दोपहर में खाना
प्रतिदिन मिलता है. बुधवार व शनिवार को फल (केला) भी मिलता है. जबकि शुक्रवार को अभी अंडा देना मेनू में शामिल नहीं किया गया है.
एमडीएम के लिए मिलनेवाली राशि : मिड डे मील के लिए वर्ग एक से पांच के बच्चों के लिए प्रति छात्र 4 रूपये 13 पैसा व कक्षा छह से आठ के छात्रों के लिए 6 रुपये 18 पैसे का बजट होता है, जिसमें बुधवार व शनिवार को खिचड़ी के साथ एक मौसमी फल भी देने का प्रावधान है. एक माह के 60 से 70 प्रतिशत उपस्थिति के अनुसार बजट तैयार किया जाता है.
हालांकि मिड डे मील मानक के अनुसार दाल व सब्जी नहीं दी जाती है.
रसोइया व प्रधानाध्यापिका की बातों में दिखा विरोधाभास
विद्यालय की रसोइया व प्रधानाध्यापिका की बातों में विरोधाभास दिखा. रसोइया ने जहां गत दिन की उपस्थिति के आधार पर एमडीएम बनाने की बात कहीं. वहीं प्रधानाध्यापिका ने उसी दिन की उपस्थिति के आधार पर एमडीएम बनाने की बात बतायी.
क्या कहते हैं एचएम
विद्यालय में उपस्थिति दर्ज होने के बाद रसोइये को संख्या बता मिड डे मील तैयार कराया जाता है. बुधवार व शनिवार को खिचड़ी के साथ साथ मौसमी फल दिया जाता है. हालांकि शुक्रवार को मिड डे मील के साथ अंडा देने के बारे कोई भी विभागीय दिशा निर्देश नहीं दिया गया है.
सुशीला देवी, प्रधानाध्यापिका

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