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TMBU का 11 अरब घाटे का बजट अनुमोदित

टीएमबीयू का घाटे का बजट पेश.

वित्त समिति की बैठक: प्रभारी कुलपति की अध्यक्षता में सामंता एजेंसी के बकाया भुगतान का मुद्दा छाया

टीएमबीयू में प्रभारी कुलपति प्रो विमलेंदु शेखर झा की अध्यक्षता में वित्त समिति की बैठक हुई. सत्र 2026-27 का विवि का बजट सदन में रखा गया. पिछले बजट की तुलना में इस बार घाटे की राशि काफी बढ़ गयी है. सदन में सर्वसम्मति से 11अरब, 54 करोड़, 58 लाख, 81 हजार 85 रुपया घाटे का बजट अनुमोदित किया गया. अब सिंडिकेट व सीनेट से पारित होने के बाद सरकार को भेजा जायेगा. पिछले साल के बजट में करीब आठ अरब घाटा दिखाया गया था. ऐसे में सवाल उठने लगा है. मामले में प्रभारी कुलपति प्रो विमलेंदु शेखर झा से पक्ष लेना चाहा पर बात नहीं हो पायी.

इसके अलावा सदन में सामंता सुरक्षा एजेंसी के बकाया राशि सहित कई अन्य एजेंडा पर विचार किया गया. वहीं, विवि कर्मचारियों के वर्दी भत्ता को लेकर भी मुद्दा उठाया गया. प्रभारी कुलपति वित्त विभाग को देखने के लिए कहा गया. बैठक में समिति के सदस्य डॉ गाैरी शंकर डोकानिया, आशीष कुमार सिंह, शैलेश कुमार, मुजफ्फर अहमद, बजट पदाधिकारी डॉ अभयानंद सहाय, वित्त पदाधिकारी सह वित्त समिति के सचिव आदि मौजूद थे.

भुगतान को लेकर बनेगी कमेटी, टेंडर व बिल की होगी जांच

करीब दो घंटे चली बैठक में सामंता सुरक्षा एजेंसी के टेंडर, बिल आदि की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी बनायी गयी है. इसमें वित्त पदाधिकारी, बजट पदाधिकारी, डॉ गाैरी शंकर डोकानिया व मुजफ्फर अहमद हैं. कमेटी एजेंसी के बहाली से लेकर किये गये कार्यों की जांच कर रिपोर्ट तैयार करेगी. इसे सिंडिकेट की बैठक में रखा जायेगा. इसके बाद सरकार को भेजा जायेगा. सदन में जब एजेंसी के करीब नौ करोड़ से ज्यादा बकाया राशि के भुगतान के मामला का रखा गया. कुछ सदस्यों ने मामले में आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि पूर्व में हुए सिंडिकेट की बैठक में भुगतान को लेकर आपत्ति जतायी जा चुकी है. उस समय सदन से एजेंसी का काम राेकने के लिए कहा गया था. लेकिन पूर्व कुलपति प्रो जवाहर लाल ने काम नहीं रुकवाया और एजेंसी से काम लिया. सदस्य मुजफ्फर अहमद ने बताया कि सदन को बताया गया कि पूर्व में हुई वित्त समिति की कई बैठक में एजेंसी से काम नहीं लेने के लिए कहा गया. लेकिन विवि प्रशासन मनमाना रूप से काम लिया. उन्होंने सदन को बताया कि प्रतिमाह का सुरक्षा गार्ड की हाजिरी पंजी पर विवि के प्रोक्टर व रजिस्ट्रार ने हस्ताक्षर तक किया. क्योंकि भुगतान को लेकर मामला कोर्ट में है. सदस्य ने प्रभारी कुलपति से कहा कि सुरक्षा एजेंसी द्वारा गार्ड का पीएफ काटा जाता है, या नहीं. जीएसटी का पालन किया जा रहा है, या नहीं. उनके काम के पहले मापदंड की जांच करायी जाये. सदस्य ने सदन में सवाल उठाया कि सामंता सुरक्षा एजेंसी के प्रति गार्ड को 48 से लेकर 52 हजार तक भुगतान किया जाता है. एक माह में 60-65 गार्ड को प्रतिमाह में 70-80 लाख तक का पारिश्रमिक बनता था. उन्होंने बताया कि वर्तमान में एजेंसी के दस गार्ड सेवा दे रहे हैं. मालूम हो कि सामंता एजेंसी पिछले तीन वर्षों से विवि को सुरक्षा गार्ड मुहैया कराने की काम कर रही है. एजेंसी के कामकाज बार-बार सवाल उठ रहे हैं. मुजफ्फर अहमद ने सदन में कहा कि आगामी होने वाली सिंडिकेट की बैठक में एजेंसी को हटाया जाये. नये सिरे से एजेंसी की बहाली किया जाये.

संविदा कर्मी को बढ़ा मानदेय नहीं मिलने का मुद्दा उठा

सदन में कॉलेजों में कार्यरत संविदा कर्मियों को बढ़ा मानदेय भुगतान नहीं होने का मुद्दा उठा. सदस्य मुजफ्फर अहमद ने बताया कि पिछली बैठक में संविदा कर्मियों के मानदेय में बढ़ोतरी की गयी थी. इस बाबत विवि के संविदा कर्मियों को बढ़ोतरी हुए मानदेय का भुगतान किया जा रहा है. लेकिन कॉलेजों में कार्यरत संविदा कर्मियों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. सदन में प्रभारी कुलपति ने कहा कि कॉलेज प्रशासन विकास समिति की बैठक बुलाकर निर्णय ले सकते हैं. विवि प्रशासन से लिये गये निर्णय पर मंजूरी लें. प्रक्रिया को पूरा करने के बाद उन्हें भी बढ़ोतरी के तहत मानदेय का भुगतान कर सकते हैं.

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