स्मार्ट सिटी : 537.7 करोड़ लागत की पांच योजनाएं बदहाली की ओर बढ़ा रही है कदमललित किशोर मिश्र, भागलपुरनौ सौ करोड़ से अधिक राशि की लागत से भागलपुर स्मार्ट सिटी योजना के तहत हुए विकास कार्य देखरेख के अभाव में बदहाली की ओर बढ़ रहा है. स्मार्ट सिटी की पांच योजना जिस पर लगभग 537.7 करोड़ खर्च हुआ वह दो साल बाद उपेक्षा का शिकार हो गया है. जिस एजेंसी ने इन योजनाओं पर काम किया है वह देखरेख नहीं कर रही है. स्मार्ट शौचालय का दरवाजा गायब हो गया है तो ऑटोमेटिक ट्रैफिक सिस्टम के ऊपर जंगल आच्छादित हो गया है. कुछ ऐसी ही स्थिति अन्य योजनाओं की भी है.
– शौचालय: चोरों ने दरवाजा तक उखाड़ लिया, लेकिन चालू नहीं हो पाया
स्मार्ट सिटी योजना से शहर के 12 स्थानों पर 25 स्मार्ट शौचालय लगाया गया. पूरी तरह आधुनिक शौचालय दूर से भी देखने पर स्मार्ट लग रहा है. इस पर लगभग 3.40 करोड़ खर्च भी हुआ. दो साल हो गये लेकिन अभी तक चालू नहीं कराया जा सका है. स्मार्ट सिटी लिमिटेड इसे निगम को सौंप दिया है. सभी शौचालयों की स्थिति खराब है. जीरो माइल वाले रास्ते में तो स्मार्ट शौचालय के दरवाजे तक की चोरी हो गयी है.
– आइ ट्रिपल सी: योजना 234 करोड़ की, कैमरा वाले खंभे पर उगे जंगल
स्मार्ट सिटी योजना से बनाये गये आइ ट्रिपल सी के लिए आलीशान भवन बना. इस भवन में पूरे शहर की निगरानी की व्यवस्था है. ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन करने वालों से लेकर अपराधियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी है. 234 करोड़ की इस योजना के प्रति उदासीनता साफ झलक रही है. तिलकामांझी चौक पर बरारी रोड पर ट्रैफिक सिग्नल के कैमरे पर जंगली झाड़ी पहुंच चुकी है. कई जगहों पर ट्रैफिक लाइट जलती ही नहीं है. कई जगहों पर सोलर सिस्टम ठप पड़ा हुआ है.
-नाला: स्लैब तोड़कर हो रही सफाई
स्मार्ट सिटी योजना से 30 किलोमीटर स्मार्ट सड़क विभिन्न जगहों पर बनाया गया. शहर के ड्रेनेज व्यवस्था में सुधार के लिए नाला का निर्माण कराया गया. लगभग 299 करोड़ की यह योजना दो साल में बद से बतदर होने लगी है. नाला में लंबे-लंबे स्लैब ढाल दिया गया. स्थिति यह हो गयी कि कई जगहों पर नाला को साफ करने के लिए ड्रील मशीन से स्लैब को तोड़ा गया. इसके बाद भी नाले की समुचित सफाई नहीं हो पा रही है. कई जगहों पर सड़क से गिट्टी निकल रहा, इसे रोकने के कुछ जगहों पर पैच लगाया गया.
– कियोस्क: दुकानदारों ने बना दी झोपड़ी वाली दुकान
स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा 1.30 करोड़ की लागत से मायागंज अस्पताल के बगल में 26, मोक्षदा स्कूल के बगल में 17 व लाजपत पार्क के बगल में 16 में कियोस्क का निर्माण कराया गया. इस स्मार्ट कियोस्क का आवंटन भी किया गया. बेशक, शहर को स्मार्ट प्रतीत कराने में यह सक्षम है. लेकिन, इसके स्मार्टनेस पर ग्रहण लग रहा है. किसी दुकानदार ने कियोस्क को झोपड़ी का रूप दे दिया तो किसी काले पॉलीथिन से ढक कर आगे लकड़ी का बड़ा दरवाजा तक लगा दिया है. देखने वाला कोई नहीं.– कोट
– स्मार्ट सिटी योजना का काम जिन एजेंसियों से कराये गये हैं. उन्हें ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस करना है. काम हो भी रहा है. जहां काम नहीं हो रहा है, संबंधित एजेंसी को कह कर उसे कराया जायेगा. स्मार्ट शौचालय के दरवाजे चोरी करने का मामला संज्ञान में आते ही एफआइआर करवाया गया है. पंकज कुमार, पीआरओ, स्मार्ट सिटी लिमिटेड, भागलपुर.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

