बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में रबी मौसम की 30वीं क्षेत्रीय अनुसंधान एवं प्रसार सलाहकार समिति की बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर के प्राचार्य ने किया. बैठक में निदेशक अनुसंधान उपनिदेशक अनुसंधान विभिन्न विभागों के अध्यक्ष, वैज्ञानिक एवं किसान उपस्थित थे. प्राचार्य ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य किसानों की समस्याओं का त्वरित समाधान उपलब्ध कराना तथा उनकी नई समस्याओं को वैज्ञानिकों द्वारा शोध के रूप में लेना है. कार्यक्रम में जॉन तीन ए के अंतर्गत आने वाले पांच जिले भागलपुर, मुंगेर, बांका, खगड़िया और शेखपुरा के किसानों की समस्याओं पर चर्चा कर की पांच श्रेणियों में विभाजित किया गया, ताकि हर समस्या को उसके उपयुक्त वैज्ञानिक संदर्भ में समझा जा सके और प्रभावी समाधान प्रस्तुत किया जा सके. पहली श्रेणी में फसल सुधार से संबंधित, दूसरी श्रेणी में प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, तीसरी श्रेणी में फसल संरक्षण से संबंधित, चौथी श्रेणी में उत्पाद विकास और विपणन व पांचवीं श्रेणी में सामाजिक विज्ञान, जिसमें किसानों की सामाजिक व आर्थिक स्थिति सरकारी योजनाओं की प्रभावशीलता महिला किसानों की भागीदारी और प्रशिक्षण की आवश्यकता पर चर्चा की गयी. इस विस्तृत चर्चा के दौरान जिस समस्याओं का समाधान तत्काल संभव था. उनके लिए संबंधित वैज्ञानिकों ने उपाय बताये और मार्गदर्शन दिया. वहीं कुछ जटिल समस्याओं जैसे पनामा बिल्ट रोग तीसी के मूल्यवर्धित उत्पादन और जैविक तरीके से खरपतवार नियंत्रण जैसे विषय वैज्ञानिकों के अनुसंधान योग्य मानते हुये उन्हे गहराई से अध्ययन के लिये अनुसंधान परियोजनाओं में शामिल करने का निर्णय लिया. इन विषयों पर भविष्य में शोधकर स्थाई व्यावहारिक और पर्यावरण अनुकूल प्रसार समाधान विकसित किये जायेगे, ताकि किसान समुदाय को दीर्घकालिक लाभ मिल सके. कार्यक्रम का संचालन प्रसार शिक्षा विभाग की वैज्ञानिक डॉ नेहा पांडे ने किया.
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