टीएमबीयू में शनिवार को प्रभारी कुलपति प्रो विमलेंदु शेखर झा की अध्यक्षता में परीक्षा बोर्ड की बैठक हुई. इसमें पीजी जूलॉजी विभाग में गेट कोटा के नाम पर गलत तरीके से रिसर्च मेथोडोलॉजी कोर्स में नामांकन लेने सहित 16 एजेंडा को रखा गया था. बताया जा रहा है कि जांच कमेटी ने पीजी जूलॉजी विभाग में गेट कोटा के नाम पर गलत तरीके से रिसर्च मेथोडोलॉजी कोर्स में नामांकन लेने के मामले में कार्रवाई की अनुशंसा की थी. परीक्षा बोर्ड ने गेट कोटा पर लिये नामांकन को सही ठहराते हुए क्लीनचिट दी है. ऐसे में परीक्षा बोर्ड पर सवाल उठने लगा है. जबकि विवि में गेट कोटा को लेकर अबतक कुछ तय नहीं है. विवि सूत्रों के अनुसार बोर्ड ने कहा कि विवि के परीक्षा नियंत्रक ने विद्यार्थियों का नाम पत्र के माध्यम से जारी करते हुए नामांकन लेने के लिए कहा था. इस बाबत संबंधित विभाग के हेड को पत्र लिखा था. जूलॉजी विभाग के हेड ने गेट कोटा से अमुख विद्यार्थी रिसर्च मेथोडोलॉजी कोर्स में नामांकन लिया. ऐसे में बोर्ड ने छात्रहित का दलील देते हुए गलत तरीके से लिये नामांकन को सही ठहरा दिया. जबकि कुछ सदस्य ने बोर्ड द्वारा मामले में क्लीनचिट दिये जाने पर एक्ट का भी हवाला दिया. यहां तक की जांच कमेटी की रिपोर्ट भी देखी गयी. सूत्रों के अनुसार दूसरे विभाग में गेट कोटा से नामांकन नहीं लेने का मामला भी उठा. बता दें कि पीजी जूलॉजी विभाग के वरीय शिक्षक प्रो इकबाल अहमद ने गेट कोटा पर गलत तरीके से रिसर्च मेथोडोलॉजी कोर्स में नामांकन लेने पर तीन बार विवि प्रशासन व राजभवन को शिकायत की है. उन्होंने आवेदन में कहा कि जूलॉजी विभाग में कुल दस सीट पर पैट परीक्षा पास व नेट पास विद्यार्थियों का रिसर्च मेथोडोलॉजी कोर्स में नामांकन के लिए रोस्टर का पालन करते हुए विवि को भेजा गया था, लेकिन विभाग से गलत तरीके से गेट कोटा के नाम पर अलग से नामांकन के लिए नाम भेजा गया था. इसमें भी रोस्टर का पालन नहीं किया गया था. करीब तीन माह से विवि में मामला चल रहा था.
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