रिश्ते का खून संवाददाता, भागलपुरजगतपुर गोलीकांड के तीनों पीड़ितों को भागलपुर नौलखा कोठी के समीप डॉ एनके यादव के नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था. विश्वजीत को चिकित्सकों ने निरीक्षण के साथ ही मृत घोषित कर दिया. जयजीत के जबड़े से खून का रिसाव रुक नहीं रहा था. उन्हें आइसीयू में भर्ती किया गया था. लगातार पानी और खून चढ़ाया जाता रहा. इधर, विश्वजीत की मौत की सूचना फैलते ही परिवार के लोगों के बीच कोहराम मच गया. देखते ही देखते नर्सिंग होम के बाहर और भीतर मौजूद लोगों के बीच हंगामा भी शुरू हो गया. नर्सिंग होम में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी थी. बताया जा रहा है कि नर्सिंग होम के भीतर मौजूद लोगों खासकर महिलाओं ने हंगामा शुरू कर दिया. महिलाएं घटना को लेकर एक-दूसरे पर लगातार आरोप लगाते हुए दिखीं. वहीं कई परिजन घटना को लेकर तरह तरह की चर्चा करते दिखे. इधर, जगतपुर के मुखिया प्रतिनिधि प्रदीप यादव सहित गांव और भागलपुर में रहने वाले सैकड़ों परिचित नर्सिंग होम के बाहर जमा हो गये थे. जिसकी वजह से सड़क पर जाम की स्थिति भी बनने लगी. पर पुलिस ने पहुंच कर यातायात को नियंत्रित किया.
छोटे बेटे की मौत की खबर मिलते ही इलाज के बीच ही भाग कर पोस्टमार्टम पहुंची मां
घटना के दौरान दोनों भाइयों की मां मीना देवी का भी इसी नर्सिंग होम में हाथ का इलाज चल रहा था. जब इन्हें छोटे बेटे विश्वजीत की मौत की जानकारी मिली तो अपने जख्म की परवाह नहीं करते हुए बेड से उठ कर निकल गयी और विश्वजीत काम नाम ले-लेकर रोते हुए उसे ढूंढने लगी. इसके बाद परिजनों ने उन्हें बताया कि विश्वजीत के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया है. जहां नंगे पैर ही मां दौड़ कर पास में ही मौजूद नौलखा कोठी स्थित पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गयी. बेटे के शव को देख वह चीत्कार मार कर रोने लगी. इधर, परबत्ता थाना के पुलिस पदाधिकारी भी उनके पीछे दौड़े और काफी समझा बुझा कर उन्हें पोस्टमार्टम हाउस से बुलाकर वापस नर्सिंग होम में भर्ती करवाया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है