-टेस्टिंग पीरियड में एक बार में चार लाख पौधा तैयार करने का है लक्ष्य, आयेगा 10 लाख से अधिक खर्चदीपक राव, भागलपुर
भागलपुर में कृषि क्षेत्र में दिन व दिन तरक्की दिख रही है. यहां के किसान अपनी जीवटता के दम पर नयी इबारत भी लिख रहे हैं. भागलपुर में पांच साल पहले शुरू हुई स्ट्रॉबेरी की खेती को सरल व कम खर्चीला बनाने का युवा किसान गुंजेश गुंजन ने बीड़ा उठाया है. नाथनगर के कजरैली में इटली से स्ट्रॉबेरी का मदर प्लांट मंगाकर स्ट्रॉबेरी की नर्सरी की तैयारी शुरू कर दी है.अब तक महाबलेश्वर, पुणे, हिमाचल प्रदेश से मंगाया जाता है पौधा
पहली बार नर्सरी तैयार करने के लिए मदर प्लांट से चार लाख पौधा तैयार करने का लक्ष्य है. इसकी तैयारी शुरू हो गयी है. इसमें बिना किसी सरकारी मदद के 10 लाख तक खर्च आयेगा. हालांकि उद्यान विभाग, कृषि पदाधिकारी व बिहार कृषि विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों का प्रोत्साहन मिल रहा है. गुंजेश गुंजन ने बताया कि पहले उन्होंने लोगों को पपीता की खेती से लाभ से अवगत कराया. फिर ककोरी-कंटोला, लुबिया, स्ट्रॉबेरी, पीला तरबूज आदि की खेती करके यहां की मिट्टी की विशेषता से अवगत कराया. अब स्ट्रॉबेरी की नर्सरी तैयार कर रहे हैं, ताकि यहां के किसानों को महानगरों व विभिन्न प्रांतों से पौधा मंगाकर महंगी कीमत अदा नहीं करना पड़े. यहां पौधा तैयार करने पर 40 फीसदी से कम कीमत पड़ेगी. अब तक महावलेश्वर, पुणे, हिमाचल प्रदेश से पौधा मंगाया जाता है. इसमें 50 फीसदी तक पौधे खराब हो जाते हैं.भागलपुर की नर्सरी के पौधे में अधिक होगा फलन व मिठास भी
भागलपुर की नर्सरी में पौधे तैयार होने से अधिक से अधिक फलन होगा और मिठास भी अधिक होगी. दरअसल, यहां के वातावरण में समायोजित होकर पौधा तैयार होकर जब खेतों में लगाये जायेंगे तो देसी तरीके से खेती की जा सकेगी. इसमें पौधे में फलन अधिक होगा. स्ट्रॉबेरी की गुणवत्ता भी अधिक होगी और बीमारी भी कम लगेगी. गुंजेश गुंजन ने बताया कि अब तक दूसरे प्रांतों से पौधे मंगाने में खर्च भी अधिक लगता था और पौधे भी खराब हो जाते थे. इसी कारण निर्णय लिया कि यहां ही स्ट्रॉबेरी के पौधे मदर प्लांट से तैयार करेंगे. इसके लिए टिश्यू कल्चर में मदर प्लांट से पौधा तैयार करके टेस्टिंग की जा चुकी है. अब तो पौधे तैयार करने का काम शुरू हो गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है