पूरे देश में आज बिहार राज्य मशरूम उत्पादन में नंबर एक पर है. अगर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं प्रतिदिन एक से दो घंटे समय दे कर भी इस कार्य को करें तो अपने परिवार को पोषण देने के साथ ही आय के स्त्रोत भी सृजित कर सकती हैं. उक्त बातें जिला कृषि पदाधिकारी प्रेम शंकर प्रसाद एवं आत्मा के उप परियोजना निदेशक प्रभात कुमार सिंह ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत करके कही. सोमवार को आत्मा, भागलपुर के प्रशिक्षण भवन में दो दिवसीय मशरूम उत्पादन एवं प्रसंस्करण विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन जिला कृषि पदाधिकारी सह आत्मा के परियोजना निदेशक प्रेम शंकर प्रसाद, उप परियोजना निदेशक प्रभात कुमार सिंह, बिपुल कुमार, मशरूम उत्पादक किसान शीला कुमारी, मास्टर ट्रेनर सर्वेश कुमार ने संयुक्त रूप से किया. आगे कहा कि अगर महिलाएं समूह बनाकर मशरूम उत्पादन का कार्य करती हैं, तो बाजार की कोई समस्या नहीं होगी. किसान पाठशाला के तहत भी 26 चयनित कृषकों को उनके पंचायत स्तर पर ही प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है. प्रेम शंकर प्रसाद ने विपरीत मौसम एवं ठंड में भी बड़ी तादाद में प्रशिक्षण के लिए किसानों को उपस्थित होने के लिए धन्यवाद दिया. शीला कुमारी ने मशरूम उत्पादन कार्य के अनुभव को साझा किया. सर्वेश कुमार ने भागलपुर जिले में मुख्य रूप से ऑएस्टर एंव बटन मशरूम की खेती की जानकारी दी. मंगलवार को ऑएस्टर मशरूम के बैग तैयार करने की विधि के साथ ही मशरूम से बनाये जाने वाले विभिन्न उत्पादन तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जायेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

