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bhagalpur news. तीन विषयों के 14 असिस्टेंट प्रोफेसरों का अनुभव प्रमाणपत्र व शोध प्रकाशन की होगी जांच

टीएमबीयू को आयोग से मिले तीन विषयों के 14 असिस्टेंट प्रोफेसरों के अनुभव प्रमाणपत्र व शोध प्रकाशन की जांच करायी जायेगी

टीएमबीयू को आयोग से मिले तीन विषयों के 14 असिस्टेंट प्रोफेसरों के अनुभव प्रमाणपत्र व शोध प्रकाशन की जांच करायी जायेगी. आयोग के निर्देश पर उच्च शिक्षा विभाग ने विवि को पत्र भेजकर विषयवार शिक्षकों की जांच कराने के लिए कहा है. विवि के प्रभारी कुलपति प्रो विमलेंदु शेखर झा के निर्देश पर रजिस्ट्रार प्रो रामाशीष पूर्वे ने संबंधित विश्वविद्यालयाें काे उन शिक्षकों का शैक्षणिक दस्तावेज जांच करने के लिए पत्र भेजा है. साथ ही जल्द रिपोर्ट मांगी गयी है. दरअसल, आयोग से कुछ दिन पहले समाजशास्त्र, अंग्रेजी व होमसाइंस विषय में करीब 14 शिक्षक विवि को मिले हैं. इसमें समाजशास्त्र व अंग्रेजी विषय के शिक्षकों की पोस्टिंग कर दी गयी है. जबकि होमसाइंस विषय के शिक्षकों की काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. पोस्टिंग की प्रक्रिया बाकी है. विवि सूत्रों के अनुसार उच्च शिक्षा विभाग ने विवि को पत्र भेजकर कहा कि शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच के उपरांत पोस्टिंग की जायेगी, लेकिन विवि स्तर से जांच नहीं करायी जा सकी थी. ऐसे में उन विषयों के शिक्षकों के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच कराने लिए संबंधित विवि को पत्र भेजा गया है. होमसाइंस विषय के शिक्षकों की भी शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच के बाद ही पोस्टिंग की प्रक्रिया की जा सकती है. सरकार से स्पष्ट निर्देश है कि शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच हो विवि के कॉलेज इंस्पेक्टर प्रो संजय कुमार झा ने कहा कि सरकार से विवि को पत्र प्राप्त हुआ था. इस बाबत उन शिक्षकों का अनुभव प्रमाणपत्र व शोध प्रकाशन की जांच करायी जायेगी. सरकार को लगातार शिकायत मिल रही है कि शिक्षक अभ्यर्थियों का अनुभव प्रमाणपत्र व शोध प्रकाशन में गलत सूचना दी गयी है. पत्र के अनुसार ही प्रक्रिया की जा रही है. जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी मिलती है, तो आगे की प्रक्रिया की जायेगी. नियुक्ति के नाम पर धांधली का आरोप समाजशास्त्र अभ्यर्थी सह बिहार प्रदेश अतिथि व्याख्याता संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ अजीत कुमार सोनू ने बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा सहायक प्राध्यापक नियुक्ति में धांधली का आरोप लगाया है. कहा कि अनुभव प्रमाणपत्र व शोध प्रकाशन की गलत जानकारी देने के बाद आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए चयनित कर दिया है. आरोप लगाया कि खासकर समाजशास्त्र विषय में नियुक्ति में पूरी तरह गड़बड़ी सामने आ रही है. इसके बाद भी आयोग बचाने का काम कर रहा है. जांच के नाम पर आयोग और विश्वविद्यालय मामले को दबाने के प्रयास में है. पूरे मामले में आयोग के अध्यक्ष, सचिव सहित दोषी पदाधिकारी पर रिट दायर की तैयारी की जा रही है. जल्द ही उच्च न्यायालय में क्रिमिनल रिट याचिका दायर की जायेगी.

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