सुलतानगंज गैस रिसाव से सिलिंडर विस्फोट में एक घर का चिराग बूझ गया. मां अपने इकलौते बेटा को फुआ के घर रख कर बीएड की परीक्षा देने गयी थी. उससे क्या पता कि वह दोबारा अंकित से नहीं मिल पायेगी. बचाव कार्य में लगे थानाध्यक्ष विवेक कुमार जायसवाल ने बताया कि आग जब लगी, तो मकान में महिला और बच्चे मौजूद थे. स्थानीय लोगों की मदद से छत के रास्ते सभी को निकाला गया. एक बच्चा की बचाने की आवाज आयी. बच्चा एक कमरे में फंसा था. उसको निकालने के लिए एक युवक जब मकान में प्रवेश किया, तो सिलिंडर ब्लास्ट कर गया, जिससे उसे नहीं निकाल जा सका. बच्चा अंकित कुमार की आग से मौत हो गयी. घटना में स्थानीय युवक मो शहजाद का हाथ झुलस गया है. मां पूजा ने बेटा अंकित को फुआ स्वीटी और फूफा पंकज साव के घर भेज बीएड की परीक्षा देने बाहर गयी थी. पिता ने बताया कि इकलौता बेटा की मौत से सबकुछ बर्बाद हो गया. एक बेटी सृष्टि है. मां के बाहर जाने से बेटा को बहन के घर रखे थे. आग ने सबकुछ तबाह कर दिया. मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
आग सुरक्षा के मानकों का पालन करना आवश्यक
सुलतानगंज नगर परिषद क्षेत्र के दिलगौरी में आग लगने की घटना पर छात्र नेता सन्नी चौधरी ने चिंताजनक जताते कहा कि आग लगने के कारणों की जांच आवश्यक है. इससे भी महत्वपूर्ण है कि आग लगने के बाद की स्थिति को देख उससे सबक लें. शहर में कई ऐसे मकान हैं, जिनमें अधिक परिवार रहते हैं. आग लगने की स्थिति में बचाव कार्य में मुश्किल आती हैं. सड़कें बहुत संकरी हैं, जिससे आग बुझाने वाली गाड़ियों को पहुंचने में मुश्किल आती है. समस्याओं का समाधान करने के लिए नगर परिषद और स्थानीय प्रशासन को मिलकर काम करना होगा. आग लगने की स्थिति में बचाव कार्य को सुगम बनाने के लिए शहर की सड़कों को चौड़ा करना और मकानों के निर्माण में आग सुरक्षा के मानकों का पालन करना आवश्यक है. बड़ी दमकल को सुलतानगंज में रखने की मांग की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

