– इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोजेक्ट प्रदर्शनी आयोजित
इंजीनियरिंग कॉलेज में राष्ट्रीय युवा उत्सव के मौके पर प्रोजेक्ट प्रदर्शनी लगायी गयी. इसमें विभिन्न शाखाओं के कुल 15 प्रोजेक्ट समूहों ने अपने-अपने नवाचार मॉडल, तकनीकी समाधान व शोध आधारित सकारात्मक सोच को प्रदर्शित किया. मूल्यांकन के बाद प्रोजेक्ट खेतिहर प्रथम, प्रोजेक्ट हाइड्रोप्रिंट दूसरे व टीम टेस्ला को तीसरा स्थान मिला.रविवार को कॉलेज के प्राचार्य प्रो राजू मूलचंद तुगनायत ने प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. मौके पर उन्होंने कहा कि इस तरह के तकनीकी आयोजन से विद्यार्थियों में नवाचार, नेतृत्व और अनुसंधान की भावना को और मजबूत करते हैं. सृजनात्मक सोच को बढ़ावा मिलता है. वहीं, कार्यक्रम की को-ऑर्डिनेटर सह इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार अभियांत्रिकी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ पुष्पलता के नेतृत्व में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्रोजेक्ट मूल्यांकन के लिए ट्रिपल आइटी के शिक्षक प्रो आम प्रकाश, प्रो संजय कुमार व प्रो सतीश कुमार जज की भूमिका में थे. समापन समारोह में सभी विजेता टीम को प्रमाणपत्र और पुरस्कार राशि प्रदान की गयी. इस अवसर पर प्रो केएन राम, प्रो जन्मेजय कुमार आदि मौजूद थे
कृषि रोबोट प्रदर्शनी में बना आकर्षण का केंद्र
प्रोजेक्ट प्रदर्शनी में कृषि रोबोट आकर्षण के केंद्र में रहा. टीम खेतिहर के छात्र रजनीश कुमार, सोनू कुमार, आदित्य आर्यन व विश्वजीत कुमार ने बताया कि स्वचालित कृषि रोबोट एक अत्याधुनिक कृषि मशीन है. इससे पता चल पायेगा कि मिट्टी में उर्वरा शक्ति कितनी है. फंगस की स्थिति कैसी है. क्षमतावान बनाने के लिए मिट्टी में कितना उर्वरक डाला जाये. यह रोबोट विभिन्न सेंसर, माइक्रोकंट्रोलर, मोटर ड्राइव यूनिट व वायरलेस कम्युनिकेशन सिस्टम से सुसज्जित है, जो खेत में स्वतंत्र रूप से संचालन करने में सक्षम बनाते हैं. इससे किसानों को लाभ मिलेगा. टीम को प्रथम स्थान आने पर नगद पांच हजार रुपये पुरस्कार दिया जायेगा.
स्वच्छ और भविष्य में ईंधन के रूप में इस्तेमाल कर सकेंगे
प्रोजेक्ट हाइड्रोप्रिंट भी दर्शकों व जजों को भी अपनी तरफ आकर्षित किया. हाइड्रोप्रिंट टीम के विद्यार्थी ऋतिका सिंह, स्नेहा भारती व वागीशा शर्मा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में एक ऐसी तकनीक विकसित की है. इसके माध्यम से हाइड्रोजन गैस उत्पन्न की जाती है, जिसे स्वच्छ और भविष्य के संभावित ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके लिए टीम को दूसरा पुरस्कार के रूप में तीन हजार नगद मिलेगा.बाधा से बचने व गंतव्य तक रोबोट पहुंचाता
टीम टेस्ला के विद्यार्थी अनीश राज, हिमांशु राज, आकाश कुमार व आयुष कुमार ने बताया कि उनके द्वारा तैयार रोबोट बाधा से बचने के लिए स्वयं ही रास्ता बदलता है. यह सुनिश्चित करता है कि अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए सुरक्षित और कुशलता से काम कर सके. यह प्रक्रिया स्वचालित है. इसके लिए मानवीय हस्तक्षेप की बहुत कम या कोई आवश्यकता नहीं होती है. टीम को पुरस्कार के रूप में दो हजार नगद मिले.
मूक-बधिर के लिए गैजेट का प्रदर्शनी
टीम ओपन सर्किट के विद्यार्थी साक्षी कुमारी, दीक्षा रॉय, समीक्षा झा व निशा भारती ने मूक बधिर लोगों के लिए गैजेट का प्रदर्शनी किया. छात्राओं ने बताया कि प्रोजेक्ट गेस्चर वॉयस ब्रिज एक क्रांतिकारी प्रयास है, जो मूक बधिर लोगों की आवाज बनने का काम करता है. यह सिस्टम एक स्मार्ट ग्लब्स के जरिए हाथ के इशारों को पहचानता है और उन्हें स्पष्ट आवाज में बदल देता है. ताकि बोलने में असमर्थ व्यक्ति आसानी से अपनी बात कह सकते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

