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जोधानी फूड प्राइवेट लिमिटेड में जीएसटी का छापा, करोड़ों की टैक्स चोरी उजागर

भागलपुर : सेंट्रल जीएसटी की टीम ने बरारी इंडस्ट्रियल इलाके में स्थित जोधानी फुड्स प्राइवेट लिमिटेड में छापेमारी कर करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी का मामला पकड़ा है. टीम अभी टैक्स चोरी की गणना करने में ही लगी है. शुरुआती जांच में करीब पांच करोड़ का टैक्स जमा नहीं करने की बात सामने आयी है. […]

भागलपुर : सेंट्रल जीएसटी की टीम ने बरारी इंडस्ट्रियल इलाके में स्थित जोधानी फुड्स प्राइवेट लिमिटेड में छापेमारी कर करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी का मामला पकड़ा है. टीम अभी टैक्स चोरी की गणना करने में ही लगी है. शुरुआती जांच में करीब पांच करोड़ का टैक्स जमा नहीं करने की बात सामने आयी है. छापेमारी बुधवार को हुई थी.

सीजीएसटी की टीम ने फैक्टरी से खाता संबंधित महत्वपूर्ण कागजात जब्त कर लिया है. केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर तथा केंद्रीय उत्पाद शुल्क कार्य प्रमंडल, भागलपुर के अधीक्षक मेदी प्रसाद ने बताया कि एक जुलाई, 2017 से जीएसटी लागू है. तभी से इस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने जीएसटी जमा नहीं किया है. 14 सितंबर, 2018 तक का जीएसटी का आकलन किया जा रहा है. यह कंपनी आटा, सूची व मैदा का उत्पादन करती है. सालाना टर्न ओवर करीब 100 करोड़ का है. नया जीएसटी के तहत टर्न ओवर का पांच प्रतिशत लगेगा, जिसमें स्टेट व सेंट्रल दोनों के जीएसटी का बराबर हिस्सा है. जोधानी फूड्स प्राइवेट लिमिटेड में छापेमारी में सेंट्रल जीएसटी की टीम में अधीक्षकों में मेदी प्रसाद, एके मंडल, अरुण कुमार सिंह के अलावा इंस्पेक्टर मो फैयाजउद्दीन व वैभव कुमार शामिल थे. अधिकारियों ने बताया कि टैक्स जमा नहीं करने की सूचना मिलने पर सहायक आयुक्त एनएम दास और पटना में आयुक्त रंजीत कुमार को सूचित किया गया था. पटना से टीम गठित की गयी और निर्देश के आलोक में छापेमारी की गयी है.

जीएसटी का नंबर लिया मगर कभी भरा नहीं टैक्स

सीजीएसटी के अधिकारी का कहना है कि जोधानी द्वारा जीएसटी नंबर तो लिया गया मगर, उनके द्वारा कभी टैक्स नहीं भरा गया. उन्होंने बताया कि छापेमारी में जोधानी ट्रेड मार्क से तैयार होने वाला आटा, मैदा और सूजी न केवल भागलपुर ही, बल्कि बिहार के अन्य जिलों सहित नेपाल में भी बेचे जाने की बात सामने आयी है.

टैक्स से बचने के लिए कंपनी के ऑनर ने ट्रेड मार्क कर दिया है सरेंडर

सीजीएसटी के अधीक्षक मेदी प्रसाद ने बताया कि जोधानी फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के ऑनर सुरेंद्र कुमार जोधानी है, जो बेंगलुरु में रहते हैं. ऑनर ने टैक्स बचाने के लिए 14 सितंबर 2018 को अपने जोधानी ब्रांड को सरेंडर कर दिया. हालांकि, अभी ऑनलाइन अप्लाई के बाद स्वीकृत नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि जीएसटी के नियम-शर्त के अनुसार ब्रांड (ट्रेड मार्क) पर ही टैक्स लगता है. इस कारणवश ऑनर ने ब्रांड को सरेंडर कर दिया ताकि वे टैक्स से बच सके.

टैक्स जमा नहीं करने पर लग सकता पेनाल्टी के साथ ब्याज

सीजीएसटी के अधीक्षक ने बताया कि टैक्स का आकलन किया जा रहा है. इसका आकलन के बाद उन्हें टैक्स जमा करने के लिए 20 दिन का मोहलत दिया जायेगा. इस अवधि में अगर टैक्स जमा नहीं करता है, तो पेनाल्टी के साथ ब्याज भी लग सकता है. उन्होंने बताया कि टैक्स के बराबर ही पेनाल्टी लगता है. इस पर 18 प्रतिशत अलग से ब्याज लगता है. 10 करोड़ से ज्यादा जमा करना पड़ सकता है. उन्होंने बताया कि दस्तावेज के आकलन के बाद जोधानी फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक को फाइनल नोटिस दिया जायेगा, जिसमें उन्हें टैक्स जमा करने को कहा जायेगा.

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