मैनाटांड़. स्वास्थ्य विभाग ने सभी आशा फैसिलेटरों को स्वास्थ्य सेवाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए अहम निर्देश जारी किए हैं. विभाग ने कहा है कि हर आशा फैसिलेटर अपने क्षेत्र में शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करें और साथ ही विभिन्न जनस्वास्थ्य अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाएं. जारी निर्देशों के अनुसार, सभी आशा फैसिलेटर को यह सुनिश्चित करना होगा कि क्षेत्र में कोई भी बच्चा या लाभार्थी बिना टीकाकरण के न रह जाएं. साथ ही एससी व एसटी समुदाय के लिए आयोजित विशेष स्वास्थ्य कैंपों में आशा कार्यकर्ताओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी, ताकि जरूरतमंदों तक स्वास्थ्य सेवाएं समय पर पहुंचे. आशा फैसिलेटर को यह भी कहा गया है कि वे समय-समय पर सर्वे ड्यूलिस्ट को अपडेट करें ताकि शासन की योजनाएं लक्षित लाभार्थियों तक सही ढंग से पहुंच सकें. इसके अलावा गैर-संचारी रोग एनसीडी जैसे शुगर, बीपी आदि की स्क्रीनिंग में भी आशा फैसिलेटर को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है. लोगों को इसके प्रति जागरूक करते हुए जांच कराने को प्रेरित करना होगा. गर्मी और उमस भरे मौसम को देखते हुए दस्त और चमकी बुखार के मामले बढ़ने की आशंका है. ऐसे में विभाग ने आशा कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए हैं कि वे ओआरएस पाउडर का वितरण करें और गांव-गांव जाकर लोगों को इन बीमारियों से बचाव के उपाय बताएं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आशा फैसिलेटरों की मेहनत और सक्रियता से ही ग्रामीण क्षेत्रों में जनस्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति मजबूत हो रही है. विभाग की ओर से समय-समय पर ऐसे निर्देश जारी किए जाते रहेंगे. ताकि हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है