चेरियाबरियारपुर. रामचरित्र सिंह महाविद्यालय मंझौल के प्रांगण में बिहार भूषण रामचरित्र सिंह की आदमकद प्रतिमा का अनावरण समारोह धूमधाम से आयोजित किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि एलएनएमयू के कुलपति प्रो संजय कुमार चौधरी, रामचरित्र बाबू के पौत्र अभय कुमार सिंह, प्रिंसिपल डॉ अवधेश कुमार सिंह, एलएस कॉलेज मुज्जफरपुर के प्रिंसिपल ओमप्रकाश राय, शिवशंकर सिंह, छात्रसंघ अध्यक्ष अमृतांशु कुमार, रामबालक चौधरी, अमन कुमार, मुखिया राजेश कुमार आदि ने रामचरित्र बाबू की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया. तय कार्यक्रम के मुताबिक कुलपति के महाविद्यालय पहुंचते ही महाविद्यालय प्रशासन, छात्र संघ, ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत माला पहना कर और बुके देकर किया. इसके बाद एनसीसी कैडेट्स ने कुलपति को गार्ड ऑफ ऑनर दिया. उन्होंने कैडेट्स का निरीक्षण किया. यहां से वह प्रिंसिपल चैंबर पहुंचे. जहां से प्रतिमा अनावरण करने के लिए पहुंचे. तत्पश्चात नवनिर्मित पार्क में पौधारोपण किया गया. मुख्य कार्यक्रम महाविद्यालय के एक हाल में आयोजित किया गया. जहां विभिन्न आयोजनों और स्वागत गानों से कॉलेज के एनएसएस कैडेट्स, छात्राओं और छात्रों ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रिंसिपल डॉ अवधेश सिंह और संचालन डॉ विपिन ने किया. इस दौरान कॉलेज की एक पूर्ववर्ती छात्रा ने कॉलेज को 25 लाख रुपए दान देने की बात कुलपति के सामने रखी. जिसे कुलपति ने सहर्ष स्वीकार किया. उन्होंने कहा कि वह यूएसए में रहती है और अपने पिताजी के नाम पर कॉलेज में भवन बनाना चाहती हैं.
दाताओं को कुलपति ने किया सम्मानित
स्वागत गीत से छात्राओं ने कुलपति का स्वागत किया और उन्हें पाग और अंग वस्त्र प्रदान किया गया. साथ ही महाविद्यालय निर्माण में भूमि उत्तर परिवार के सदस्यों और राम चरित्र सिंह के मूर्ति स्थापना में दानदाताओं को कुलपति के हाथों सम्मानित किया गया. स्वागत भाषण हिंदी विभाग के प्रोफेसर कृष्ण कुमार पासवान ने दिया. उन्होंने कहा कि 60 साल बाद रामचरित्र बाबू की आदमकद प्रतिमा कॉलेज परिसर में लग रही है. यह ऐतिहासिक पल है. यह मूर्ति निर्माण समिति के अध्यक्ष के प्रयास और कॉलेज के प्रिंसिपल और कुलपति के सहयोग से संभव हो पाया है. मूर्ति निर्माण समिति के संयोजक शिव शंकर सिंह ने कहा कि रामचरित्र बाबू की मूर्ति स्थापना को लेकर समिति को काफी संघर्ष करना पड़ा. काफी खींचतान के बाद आज यह दिन आया है. यह अपने आप में हर्षोल्लास का विषय है. एलएस कॉलेज मुजफ्फरपुर के प्रिंसिपल डॉ ओपी राय ने अपने संबोधन में कहा कि आरसीएस कॉलेज मंझौल काफी महत्वपूर्ण कॉलेज है. इसका विश्वविद्यालय में अपना एक अलग स्थान है. यहां कॉलेज में चार दिवारी और एमए की जरूरत है. यह मांग पूरा होने के बाद कॉलेज के छात्रों का भविष्य उज्जवल हो जाएगा. कुलपति प्रो संजय कुमार चौधरी ने कहा कि महापुरुष की प्रतिमा इसलिए लगाई जाती है कि उनके कृतित्व को हम अपने जीवन मे आत्मसात करें. हमारे छात्र छात्राओं को रामचरित्र बाबू की जीवनी से सीखने की जरूरत है. साथ ही उन्होंने महाविद्यालय की समस्या पर चार दीवारी निर्माण और क्लासरूम बनाने को लेकर एस्टीमेट बनाकर विश्वविद्यालय भेजने की बात कही. उन्होंने कहा कि आरसीएस कॉलेज में पीजी की पढ़ाई को लेकर सीनेट में यह मुद्दा पास हुआ है जल्द ही सफलीभूत होकर यहां पीजी की भी पढ़ाई प्रारंभ हो जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि छात्र-छात्राओं को पढ़ाई पर पूरा फोकस करना चाहिए. जिससे आने वाले दिनों में हमारा समाज और देश काफी आगे बढ़ सके.छात्र संगठनों ने कुलपति को सौंपा ज्ञापन
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने महाविद्यालय की मूलभूत समस्याओं, गर्ल्स हॉस्टल का जीर्णोद्धार, एमए की पढ़ाई शहीद कई मांगों का मांग पत्र कुलपति को सौंपा. अभाविप नेता कन्हैया कुमार, अमृतांशु कुमार, आदर्श भारती ने कहा कि महाविद्यालय की समस्याओं से कुलपति को अवगत कराया गया है. उन्होंने काफी सकारात्मक आश्वासन दिया है. जल्द ही हमारे कॉलेज में इसका कार्य भी देखने को मिलेगा. छात्र राजद से जुड़े कार्यकर्ताओं ने भी कुलपति को ज्ञापन सौंप कर महाविद्यालय की समस्याएं दूर करने की मांग की. मौके पर एमआरजेडी के पूर्व प्राचार्य अशोक कुमार सिंह, सीनेट सदस्य मनीष कुमार, लेखक महेश भारती, भाजपा नेता अमरेश कुमार, राजद नेता अनुराग कुमार, बल्लभ बादशाह, संतोष ईश्वर, धीरज कुमार, रवि कुमार, डॉ राजेश कुमार, अमित कुमार, डॉ कुंदन कुमार सहित छात्र संगठनों के प्रतिनिधि महाविद्यालय के शिक्षक और शिक्षक उत्तर कर्मी सहित जिले भर के अन्य लोग मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

