बेगूसराय. विश्व थैलीसीमिया दिवस पर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से रोटरी ब्लड बैंक से सहयोग से जयमंगला वाहिनी परिवार के द्वारा थैलीसीमिया जागरूकता अभियान चलाया. जिसका उद्देश्य लोगों के बीच सही जानकारी को आदान-प्रदान करना था. विश्व थैलीसीमिया दिवस हर वर्ष 8 मई को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को इस गंभीर रक्त रोग के प्रति जागरूक करना है. यह एक आनुवांशिक रक्त रोग है जो माता-पिता से बच्चों को मिलता है और इसका कारण शरीर में खून की भारी कमी होना हैं. कार्यक्रम के दौरान आगंतुक अतिथियों को पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधा उपहार में दिया गया. जयमंगला वाहिनी परिवार के रक्तदान प्रमुख सुमित कुमार ने जानकारी साझा करते हुए कहा कि जिस प्रकार शादी से पूर्व कुंडली का मिलान करते है,उसी प्रकार शादी से पूर्व एच.बी.ए- टू की जांच जरूर करवाये और दोनों व्यक्ति का रिपोर्ट पॉजिटिव आता है तो आपस मे शादी न करें. यदि दो थैलेसीमिया माइनर वाले व्यक्ति आपस में शादी करते हैं, तो उनके बच्चे को थैलेसीमिया मेजर होने की संभावना बढ़ जाती है. इस स्थिति में, बच्चे को थैलेसीमिया मेजर या थैलेसीमिया माइनर होने की संभावना हो सकती है और हर थैलीसीमिया मेजर को 15-20 दिनों में रक्त चढ़ाने की जरूरत होती हैं.जयमंगला वाहिनी परिवार के उपाध्यक्ष सुजीत गुप्ता ने बताया कि ज़िले में 82 से ज्यादा थैलीसीमिया से पीड़ित बच्चे है जिनको हर 15-20 दिनों में रक्त चढ़ाने की जरूरत होती है,उनके लिए वर्ष में कम से कम एक बार रक्तदान जरूर करें. थैलीसीमिया से पीड़ित बच्चों के पिता गौरव कुमार व सद्दाम ने कहा कि थैलीसीमिया के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसके इलाज के लिए विश्व थैलेसीमिया दिवस मनाया जाता है. जयमंगला वाहिनी परिवार के मीडिया प्रमुख अभिजीत रंजन ने थैलीसीमिया दिवस पर अपने जीवन का 16 वां रक्तदान करते हुए कहा कि रक्तदान करके जो आंतरिक खुशी होती है उसे शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते,रक्तदान करने से कोई कमजोरी नहीं होती बल्कि शरीर मे नये रक्त का संचार होता हैं.
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