कटोरिया : आप भले इस संसार में बहुत वैभववान, विद्वान, गुणवान, प्रतिष्ठावान बन जायें. इससे आपको बहुत लाभ पहुंचा, यह बड़ी बात नहीं. लेकिन यदि आपके जीवन में गुरू मिल जायें, संत समागम हो जाये तो इससे बढ़ कर कोई दूसरा लाभ नहीं है़ उक्त बातें महर्षि मेंही हृदय संत शाहीधाम लक्ष्मीपुर मोड़ (कालीगढ़ी-घुटिया) आश्रम से पहुंचे स्वामी शांतानंद जी महाराज ने गुरुवार को कटोरिया में आयोजित एक दिवसीय सत्संग कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही़ उन्होंने कहा कि मनुष्य को एक गुरू-ब्रह्म को छोड़कर कहीं अन्यत्र नहीं भटकना चाहिए़ भक्ति हेतु सुनिश्चित जगह ढूंढ लेनी चाहिए़
अपने अंदर ही सारा ज्ञान विद्यमान है़ जिसे प्राप्त करने का तरीका सद्गुरु बताते हैं. सत्संग में ज्ञान का प्रचार होता है़ सत्संग संत सद्गुरु से मिला देता है़ उन्होंने कहा कि मनुष्य व जानवर सबमें ज्ञान होता है़ लेकिन ज्ञान के साथ विवेक सिर्फ मनुष्य में ही होता है़ मनुष्य के जीवन में जब जन्म-जन्मांतर का पुण्य उदय होता है़ तब संत-महात्माओं का समागम प्राप्त होता है़ संत महात्माओं का दर्शन दुर्लभ होता है़ संतों के समागम से जीवों का परम कल्याण होता है़ उन्होंने प्रसिद्ध बुल्ला साहब की भी कथा का भी विस्तारपूर्वक व्याख्यान किया़
इस क्रम में उन्होंने कहा कि बुल्ला साहब काफी निरक्षर व गरीब थे़ लेकिन वे जब खेती भी करते थे, तो सद्गुरु की भक्ति में लीन रहते थे़ कटोरिया बाजार के बांका रोड स्थित अभय चौधरी व प्रमोद चौधरी के आवास पर आयोजित सत्संग कार्यक्रम में सत्संग, स्तुति, विनती, प्रवचन व आरती के बाद भंडारा का भी आयोजन हुआ़ कार्यक्रम में यदु बाबा, भगवान चौधरी, इंद्रदेव चौधरी, आशा चौधरी, कल्याणी चौधरी, कृष्णा चौधरी, अगम वर्णवाल, श्यामनारायण गुप्ता, धर्मशीला देवी, धनमंती देवी, संदेव चौधरी, बालकृष्ण वर्णवाल, महेंद्र भगत, सुरेंद्र भगत, दीपक गुप्ता, उदय केशरी, मीरा वर्णवाल, प्रीति चौधरी, हिना चौधरी, भोलू चौधरी, लवली भगत आदि शामिल थे.