कुशल चिकित्सक व प्रशिक्षित जीएनएम
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एसएनसीयू की हालत बदतर अधिकतर नवजात हो रहे रेफर
कुशल चिकित्सक व प्रशिक्षित जीएनएम की है कमी बांका : करोड़ों की लागत से नवजात को नयी जिंदगी वाला वातानुकूलित एसएनसीयू (सक न्यूबर्न केयर यूनिट) निर्माण के समय से ही बीमार चल रहा है. सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू यहां की जरूरत पर खरी नहीं उतर पा रही है. जबकि सरकार की ओर से इस अस्पताल […]
की है कमी
बांका : करोड़ों की लागत से नवजात को नयी जिंदगी वाला वातानुकूलित एसएनसीयू (सक न्यूबर्न केयर यूनिट) निर्माण के समय से ही बीमार चल रहा है. सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू यहां की जरूरत पर खरी नहीं उतर पा रही है. जबकि सरकार की ओर से इस अस्पताल को लगभग सारी सुविधा उपलब्ध करायी गयी है. लेकिन कुशल चिकित्सक व प्रशिक्षित जीएनएम आदि की कमी के कारण नवजात को समुचित उपचार देने में अब तक विफल साबित हुआ है.
जानकारी के अनुसार यहां से अधिकतर नवजात भागलपुर व अन्य अस्पताल रेफर हो जा रहे है. विगत 17 अक्तूबर 2017 से अब तक इस एसएनसीयू में कुल 373 गंभीर बीमारी से ग्रसित नवजात भर्ती हुए थे. जिसमें से 127 नवजात रेफर हुए है. जबकि समुचित इलाज के अभाव में 19 नवजात की मृत्यु हो चुकी है.
लैब चालू नहीं होने से
जांच में परेशानी
जिला अस्पताल का एसएनसीयू नवजात बच्चों के लिए किसी खतरे से कम नहीं है. एसएनसीयू के चालू होने के नौ माह बीत जाने के बाद भी लैब चालू नहीं हो पाया है. ऐसे में भर्ती नवजात की जांच के लिए उसे एसएनसीयू से बाहर निकालकर सदर अस्पताल में कराना होता है. जिससे बच्चे के सेहत पर बुरा असर पड़ने की संभावना बनी रहती है. साथ ही रूटीन चेकअप के लिए भवन में बने फैसिलिटी फॉलोअप भी चिकित्सक के बिना सुना पड़ा रहता है. जिससे यहां नवजातों की रूटीन जांच पर बुरा असर पड़ रहा है. इसको लेकर कई बार स्वास्थ्य विभाग की बैठक में आवाज भी उठाते रहे है. लेकिन परिणाम शून्य है.
एसएनसीयू में चिकित्सक व कर्मी की कमी है. इसके लिए विभाग को पत्र लिख गया है. जल्द ही एसएनसीयू की सभी समस्या का निदान कर लिया जायेगा. वहीं, अनुपस्थित चिकित्सक के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जा रही है.
सुनील कुमार चौधरी, सदर अस्पताल उपाधीक्षक, बांका
चिकित्सक लगातार रह रहे हैं अनुपस्थित
सदर अस्पताल स्थित वातानुकूलित एसएनसीयू बीएमएसआइसीएल कंपनी के द्वारा बनाया गया था. एसएनसीयू भवन में 6-6 वार्डों वाले दो यूनिट इनबर्न व आउटबर्न यूनिट है. इनबर्न में सिर्फ सदर अस्पताल के प्रसव हुये नवजातों का इलाज होता है. आउटबर्न में अन्य अस्पतालों व घरों आदि जगहों पर प्रसव हुये नवाजतों का इलाज किया जाता है. शुरुआती दौर में चार चिकित्सक के जगह मात्र एक चिकित्सक डा. सुनील कुमार झा की नियुक्ति हुई थी. इसके बाद विगत चार माह पूर्व एक अन्य चिकित्सक डा. कुमार अमिष ने भी यहां अपना योगदान दिया था. इसी बीच विगत जुलाई माह में डा. सुनील कुमार झा का तबादला टीवी विभाग में कर दिया गया. जिसके बाद से यहां की स्थिति और भी बदतर हो चली है. बताते चले कि डा. कुमार अमिष लगातार अनुपस्थित रह रहे है. ऐसे में फिलवक्त एसएनसीयू में मौजूद नवजात का इलाज भगवान भरोसे है, या फिर चिकित्सक के अभाव में सभी नवजात रेफर हो जा रहे है. हाल के दिनों जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम मनोज कुमार चौधरी ने अस्पताल का निरीक्षण किया था. जिसमें भी एसएनसीयू में चिकित्सक अनुपस्थित पाये गये थे.
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