रविकांत पाठक, देव
पौराणिक सूर्यनगरी देव में चैती छठ महापर्व पर गुरुवार को व्रतियों ने अस्ताचल सूर्य को अर्घ दिया. लगभग छह लाख व्रतियों ने पवित्र सूर्यकुंड और रूद्रकुंड तालाब में स्नान के बाद डूबते सूर्य को अर्घ अर्पित किया. देव शहर से लेकर आसपास के ग्रामीण इलाकों में श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आयी. मुख्य सड़क से तंग गलियां भी श्रद्धालुओं से पटी रही. वैसे भी सूर्यनगरी में देश के अलग-अलग हिस्से से लाखों श्रद्धालु पहुंचे और उत्साह के साथ सूर्यकुंड तालाब में भगवान को अर्घ अर्पित किया. वैसे गुरुवार की संध्या डूबते सूर्य को अर्घ देने का सिलसिला प्रारंभ हो गया, जो देर रात तक जारी रहा. भगवान सूर्य के पौराणिक मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी अधिक थी कि दर्शन कर निकलने वालों को समय लग रहा था. देव का ऐसा नजारा था कि मानों भगवान साक्षात दर्शन देने के लिए खड़े हों. आज शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ अर्पित किया जायेगा और पूजा अर्चना करेंगे. श्रद्धालुओं के लिए जिला प्रशासन की ओर तमाम व्यवस्थाएं की गयी है. जिला प्रशासन द्वारा आवासन से लेकर बिजली, पानी व सुरक्षा पर बेहद गंभीरता से ध्यान दिया गया. देव मेला क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में पुलिस कर्मियों की तैनाती दंडाधिकारी के साथ की गयी. जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री, एसपी अंबरीश राहुल, डीडीसी अभ्येंद्र मोहन सिंह, एसडीओ संतन कुमार सिंह, एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय, अमित कुमार लगातार व्यवस्थाओं का जायजा लेते दिखे. उप विकास आयुक्त और एसडीओ ने पूरे मेला क्षेत्र पर निगरानी रखी. डीएम श्रीकांत शास्त्री ने बताया कि पिछले चैती छठ से अधिक व्रतियों ने इस बार अर्घ्य अर्पित किया है .अनुमान के अनुसार लगभग छह लाख व्रतियों ने सूर्य कुंड तालाब में भगवान को अर्घ्य दियाछठ गीतों से घाट रहे गुलजार
सूर्यनगरी देव को हाल ही में नगर पंचायत का दर्जा मिला है. यहां का छठ पूजा विश्वस्तर पर प्रसिद्ध है. वर्ष में दो बार कार्तिक और चैत मास में लाखों श्रद्धालु देश के कोने-कोने से भगवान को अर्घ्य अर्पित करने पहुंचते हैं. आश्चर्य की बात यह है कि जिस देव में 20 हजार की आबादी है, वहां या देव के इलाके में 12 लाख छठ व्रती समा गये. इसे भगवान की महिमा ही कहा जा सकता है. श्रद्धालुओं का जन सैलाब देव की प्रसिद्धि को दर्शाता है. व्रतियों व श्रद्धालुओं द्वारा गाये जाने वाले छठ गीत से घाट गुलजार रहे. जिले के कुछ घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. जहां कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी. इधर, जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने घुम-घूमकर आवासन स्थलों व मेला क्षेत्रों का जायजा लिया. आवासन मंघ ठहरे व्रतियों व श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध व्यवस्थाओं को देखा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है