अंबा. अंबा थाना क्षेत्र के नरहर अंबा गांव में बिजली करेंट की चपेट में आने से युवा दंपता अर्जुन पाठक व उनकी पत्नी सुनीता देवी की मौत के बाद परिजन रोते-रोते बेहाल है, वही पूरे गांव में मातम छाया है. पोस्टमार्टम के बाद शव आने के उपरांत बुधवार को दोनों दंपति का शव एक ही चिता पर सजाया गया. उनके पुत्र आठ वर्षीय अबोध बालक नैतिक कुमार ने अपने माता-पिता दोनों को एक साथ मुखाग्नि दी. अबोध बालक द्वारा माता-पिता दोनों को एक साथ मुखाग्नि देते देख मौजूद हर लोगों की आंखें नम हो गयी. श्मशान घाट पर मौजूद हर लोग विधि के विधान को कोसते हुए बच्चों की परवरिश की चिंता जता रहे थे. मंगलवार को कपड़ा धोकर सुखाने के क्रम में सुनीता बिजली करेंट की चपेट में आ गयी थी. बचाने के लिए अर्जुन भी गया और वह भी करेंट की चपेट में आ गया था. कुछ देर तक दोनों आंगन में यूं ही पड़े रहे. जब उनका पांच वर्षीय पुत्र कार्तिक बाहर से खेल कर घर पहुंचा तो माता-पिता दोनों को अचेतावस्था में आंगन में लेटा हुआ पाया. उसने इसकी जानकारी अन्य लोगों को दी. सूचना मिलते ही ग्रामीण उनके घर में गये तो किसी तरह बिजली का कनेक्शन काट कर दोनों को आनन-फानन में इलाज के लिए औरंगाबाद सदर अस्पताल ले गये. अस्पताल पहुंचते ही चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया था. गांव के सुधीर पाठक दिलीप पाठक छोटू पाठक ने बताया कि अर्जुन अत्यंत ही निर्धन परिवार के थे.
अनाथ बच्चों के परवरिश की हो रही चर्चा
अर्जुन पाठक व उनकी पत्नी सुनीता देवी की मौत के बाद उनके दोनों बच्चे नैतिक कुमार आठ वर्ष एवं कार्तिक कुमार पांच वर्ष दोनों अनाथ हो गये हैं. उनकी देख-रेख करने वाला कोई नहीं बचा है. घटना की सूचना पाकर पहुंचने वाले हर लोग बच्चों की परवरिश को लेकर चर्चा कर रहे हैं. ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अर्जुन के चार भाई था. एक भाई गांव में ही रहकर मजदूरी करता था तो दूसरा खेती-बाड़ी करता है. एक भाई बाहर में रहकर कार्य करता है. चारों भाई अलग अलग होकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं. ऐसे में अब अनाथ बच्चों का देखने वाला कोई नहीं है. ग्रामीणों ने अधिकारी एवं प्रतिनिधियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए दोनों बच्चों के परवरिश को लेकर आवश्यक पहल करने की मांग की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है