कुटुंबा. कुटुंबा प्रखंड की स्थापना एक अप्रैल 1962 को करायी गयी थी. उस समय सत्येंद्र नारायण सिन्हा बिहार के शिक्षा मंत्री थे. इसके पहले यह नवीनगर प्रखंड का अभिन्न अंग था. इसका विधान सभा क्षेत्र भी नवीनगर और कुटुंबा इसका परगाना था. कुटुंबा प्रखंड के हृदय स्थली से होकर बतरे व बटाने नदी गुजरती है. भौगोलिक दृष्टिकोण से पूर्वी छोर पर अदरी व पश्चिमी छोर से होकर रामरेखा नदी गुजरती है. वहीं भूगर्भ में विलीन पनछहिया नदी अपनी आंचल में प्राकृतिक सौंदर्य संजोए हुए है. ये बातें कुटुंबा प्रखंड के स्थापना दिवस के अवसर पर वक्ताओं ने कही. मंगलवार को प्रखंड प्रमुख धर्मेंद्र कुमार के अध्यक्षता में स्थापना दिवस मनायी गयी. कार्यक्रम का संचालन सुही पंचायत के मुखिया मंजीत कुमार यादव ने किया. इस दौरान अधिकारियों व प्रतिनिधियों ने कुटुंबा प्रखंड के ऐतिहासिक धरोहरो के साथ विकास पर चर्चा की. प्रमुख ने कहा कि कालांतर में कुटुंबा प्रखंड कार्यालय अंबा के हरिहरगंज रोड स्थित एक मकान में संचालित होता था. तकरीबन दो दशक के बाद सरकारी स्तर से देव रोड में प्रखंड कार्यालय का एक भवन निर्माण कराया गया था, पर वहां पर संसाधन का घोर अभाव था. अभी वर्तमान में जिले के किसी भी प्रखंड में कुटुंबा की तरह कार्यालय भवन नहीं निर्माण कराया गया है. प्रखंड स्तरीय सभी तरह के कार्यालय आकर्षक भवन में संचालित किए जा रहे है. इस दौरान जिला पार्षद सुरेंद्र यादव, सीओ चंद्रप्रकाश, सीडीपीओ श्वेता कुमारी, बीपीआरओ हरेंद्र कुमार चौधरी, बीडब्ल्यूओ शिशिर रंजन विकास कार्यो पर चर्चा की. जिला पार्षद ने कहा आए दिन प्रतिनिधि जनता को सेवा करने के बजाए मार्केटिंग कर रहे है.उन्हे इमानदारी से अपने कर्तव्य निर्वहन करने की जरूरत है.
प्राचीन गढ़ कुटुंबा के मैदान में तैयार किया गथा था प्रखंड कार्यालय
कुटुंबा स्थापना काल के दौरान सबसे पहले वहां के प्राचीन गढ़ के मैदान में भवन का निर्माण कराया था. वहां रहकर नव पदस्थापित बीडीओ ऑफिशियल कार्य निबटारा भी करने लगे थे. इसी बीच वहां के ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर बीडीओ को बैठना अच्छा नहीं लगा. इसके बाद रात्रि में प्रखंड कार्यालय भवन को क्षतिग्रस्त कर बीडीओ को वहां नहीं बैठने को बाध्य कर दिया. इसके बाद अंबा के समाजसेवी राम वृज किशोर सिंह ने बीडीओ के साथ कर्मियों को वहां से बुलाकर अंबा में किराये के मकान में जगह दिलाया. उस समय कुटुंबा प्रखंड में 24 पंचायत हुआ करता था. 2001 के परिसीमन में 20 पंचायत 28 पंचायत समिति और तीन जिला परिषद क्षेत्र है. नवीनगर के बाद कुटुंबा प्रखंड अनुसूचित विधान सभा क्षेत्र देव का हिस्सा था. 2010के बाद कुटुंबा विधान सभा हो गया है.इसके बावजूद आश्चर्य की बात है कि कुटुंबा में एक भी सरकारी कार्यालय नहीं है.बीडीओ ही करते थे राजस्व का कार्य
जब कुटुंबा प्रखंड की स्थापना हुई थी उस समय एक हीं भवन में बीडीओ राजस्व का कार्य निबटारा करते थे. इसके बाद 1980 दशक में कुटुंबा में पहली बार सीओ की पोस्टिंग हुई थी. यहां तक कि कुर्सी टेबल का घोर अभाव था. कार्यालय में बैठने और झंडोत्तोलन को लेकर बीडीओ और सीओ में ठन गयी. इसके बाद समीप के अर्ध निर्मित भवन में अंचल कार्यालय को शिफ्ट किया गया था. जानकारी के अनुसार 1912-13 का रिवीजनल सर्वे यह दर्शाता है कि कुटुंबा का थाना भी नवीनगर था. कार्यक्रम में मैट्रिक के जिला टॉपर शालू कुमारी को सम्मानित किया गया. मौके पर दिनेश कुमार सिंह, सुरेंद्र सिंह, सूरज राय, राजस्व कर्मचारी धर्मेंद्र शर्मा, मनीष कुमार, राखी कुमारी, पूर्व पंसस चुनमुन सिंह, तौहीद आलम, सहायक संजय कुमार, दीपक कुमार, कलेंद्र यादव, कृष्णदेव यादव, नवल सिंह आदि थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है