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सरकारी वद्यिालय के शक्षिक बच्चों के भवष्यि से कर रहे खिलवाड़!

सरकारी विद्यालय के शिक्षक बच्चों के भविष्य से कर रहे खिलवाड़! समय से नहीं खुलते स्कूल, बच्चे रहते शिक्षकों के इंजतार में फोटो नंबर-7, सड़क पर बैठ कर विद्यालय खुलने का इंतजार कर रहे रतनुआ विद्यालय के बच्चे नवीनगर (औरंगाबाद).प्रखंड के सरकारी विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों के भविष्य से शिक्षक खेल रहे […]

सरकारी विद्यालय के शिक्षक बच्चों के भविष्य से कर रहे खिलवाड़! समय से नहीं खुलते स्कूल, बच्चे रहते शिक्षकों के इंजतार में फोटो नंबर-7, सड़क पर बैठ कर विद्यालय खुलने का इंतजार कर रहे रतनुआ विद्यालय के बच्चे नवीनगर (औरंगाबाद).प्रखंड के सरकारी विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों के भविष्य से शिक्षक खेल रहे हैं. शिक्षा के प्रति संबंधित पदाधिकारियों के उदासीन रवैये के कारण एक भी विद्यालय समय पर नहीं खुल रहे हैं. 14 जनवरी को तो कई विलंब से खुले तो कुछ विद्यालय पूरे दिन बंद रहे. मध्य विद्यालय खिरी दयाल में सिर्फ दो शिक्षक उपस्थित थे. विद्यालय प्रांगण में ही नवीनगर-माली बरियावां पथ में कार्य करनेवाले मजदूर डेरा डाल भोजन बना रहे थे. सुबह 10:45 बजे तक एक भी बच्चे उपस्थित नहीं थे. ऐसा लग रहा था जैसे यह विद्यालय शिक्षा का मंदिर नहीं मजदूरों का बसेरा बन कर रह गया है. कुछ इसी तरह का हाल मध्य विद्यालय फुलडीहा का भी देखा गया. वहां भी 10:30 बजे तक मात्र चार बच्चे उपस्थित थे और एक भी शिक्षक नहीं थे. उच्च विद्यालय फुलडीहा में भी ताला लगा हुआ था. नगर पंचायत वार्ड 14 स्थित प्राथमिक विद्यालय जोबे रतनुआ का विद्यालय भी 9:30 बंद था तथा दर्जनों बच्चे सड़क के किनारे बैठ कर विद्यालय खुलने का इंतजार कर रहे थे. छात्रा ज्योति कुमारी, चांदनी परवीन, नगमा परवीन, जयप्रकाश कुमार आदि ने बताया कि अक्सर विद्यालय देर से खुलता है. सभी शिक्षक नियमित विद्यालय नहीं पहुंचते हैं,जबकि मध्य विद्यालय खुलने का समय नौ बजे सुबह निर्धारित है. उच्च विद्यालय के 9:30 बजे खोलने का समय निर्धारित किया गया है. इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अवध कुमार तिवारी ने बताया कि विलंब से खुलने वाले तथा बंद पड़े विद्यालय खिरीदयाल, फुलडीहा आदि के प्रधान शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछा जा रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि खिरीदयाल के प्रधान शिक्षक लाल मोहन पासवान से कई बार अधूरे पड़े विद्यालय भवन को पूरा करने का निर्देश दिये जाने के बावजूद नहीं कराया गया है.

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