संस्कृत हाइस्कूल में स्टूडेंट्स बरामदे पर करते पढ़ाई विद्यालय में कई विषय के नहीं हैं शिक्षक, विभाग का नहीं है ध्यान(फोटो नंबर-18)कैप्शन- प्राथमिक संस्कृत सह उच्च विद्यालय औरंगाबाद (नगर)शहर के पौराणिक शिक्षण संस्थान प्राथमिक सह संस्कृत उच्च विद्यालय इन दिनों विभाग की अनदेखी के कारण कई समस्याओं से जूझ रहा है. यहां न तो विषयवार शिक्षक हैं और न ही पर्याप्त सुविधाएं. आज इस विद्यालय की हालात देखा जाये तो काफी बदतर है. किसी तरह छात्र-छात्राओं को पढ़ाई का लाभ मिलता है. विभाग की अनदेखी के कारण विद्यालय भवन का कुछ हिस्सा ध्वस्थ होने के कगार पर है. यहां तीन कमरे हैं जिसमें लगभग तीन सौ छात्र-छात्राओं की पढ़ाई होती है. किसी तरह विद्यालय के छात्र-छात्राएं एक छोटे बरामदे में पढ़ाई करने पर मजबूर हैं. कई बार तो यहां कार्यक्रम के दौरान वरीय अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने कई वादे भी किये, लेकिन कुछ ही समय बाद यह सभी वादे हवा-हवाई साबित हुए. यही नहीं इस विद्यालय में दर्जनों छात्र-छात्राएं अल्पसंख्यक वर्ग से आते हैं, तभी संस्कृत विषय की पढ़ाई के लिए इच्छुक हैं. अगर यहां विभाग ध्यान देती तो कुछ हद तक यहां की हालत में सुधार आती. प्रधानाध्यापक सूर्यपत सिंह बताते हैं इस विद्यालय में वर्ग प्रथम से 10वीं तक की पढ़ाई होती है. दर्जनों अल्पसंख्यक छात्र-छात्राएं के अलावे सैकड़ों बच्चे यहां पढ़ते है, लेकिन उन्हें कुछ खास योजनाओं का लाभ नहीं दिया जाता. कई बार मध्याह्न भोजन चालू कराने का आदेश विभाग से प्राप्त हुआ, लेकिन एमडीएम पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण अब तक यहां बच्चों को नहीं मिला.
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संस्कृत हाइस्कूल में स्टूडेंट्स बरामदे पर करते पढ़ाई
संस्कृत हाइस्कूल में स्टूडेंट्स बरामदे पर करते पढ़ाई विद्यालय में कई विषय के नहीं हैं शिक्षक, विभाग का नहीं है ध्यान(फोटो नंबर-18)कैप्शन- प्राथमिक संस्कृत सह उच्च विद्यालय औरंगाबाद (नगर)शहर के पौराणिक शिक्षण संस्थान प्राथमिक सह संस्कृत उच्च विद्यालय इन दिनों विभाग की अनदेखी के कारण कई समस्याओं से जूझ रहा है. यहां न तो विषयवार […]
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