दीपावली से पहले बुझ गया घर का दीपकदेव मंदिर के पानी टंकी में डूबने से बच्चे की मौत, या डूबा कर मार दिया प्रशासन हर पहलू पर कर रही छानबीन (फोटो नंबर-10)कैप्शन- कार से बच्चे को इलाज के लिये अस्पताल पहुंचे परिजन(लीड) देव (औरंगाबाद)सूर्य मंदिर देव के परिसर में स्थित पानी टंकी में डूबने से बच्चे की मौत हुई या उसे डूबा कर मार दिया गया. इसकी गुत्थी अभी अनसुलझी है. प्रशासनिक पदाधिकारी डेढ़ वर्षीय मासूम की मौत को गंभीरता से लिया है और इसकी हर पहलू पर छानबीन कर रहे हैं. देव मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष सह एसडीओ सुरेंद्र प्रसाद ने कहा था कि घटना के पीछे साजिश है और प्रथम दृष्टया हत्या की दिख रही है. दूसरी बात यह है कि इस घटना में लापरवाही भी कहीं न कहीं सामने आ रही है. कोई इसे बच्चो के खेल-खेल में मौत बता रहा है, तो कोई इसे आपसी रंजिश या अनजाने में हुई घटना बता रहा है. कई कारण सामने आ रहे हैं. जिस पानी टंकी में बच्चे की मौत हुई है, वहां बच्चा पहुंचा तो उसे रोका क्यों नहीं. जबकि उस पानी टंकी के पास पहुंचने के लिए लंबी सीढ़ी है और सीढ़ी के बगल में मंदिर के सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं, तो उस वक्त सुरक्षाकर्मी कहां थे. क्या कोई इस बच्चे को ले जाते देखा नहीं? या देख कर भी कोई रोका नहीं. दूसरा यह कि जिस पानी टंकी से पानी की सप्लाइ होती है तो उस पानी टंकी को ढका क्यों नहीं गया. पानी टंकी को नहीं ढकना भी कहीं न कहीं लापरवाही है. इसके पीछे ठेकेदार जिम्मेवार है या न्यास समिति. मामला जो हो. एक परिवार के साथ हृदयविदारक घटना घटी है. अभी घर में दीपावली की शोर थी, लेकिन दीपावली के पहले ही घर का ही दीपक बुझ गया. देव के संतोष कुमार के घर में मातम का माहौल कायम हो गया है. बच्चे की मां सुमित्रा देवी की हालत गंभीर है. परिजन भी घटना के बाद शोक में डूूबे हुए हैं.उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहा सीसीटीवी देव सूर्य मंदिर में सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था है. चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. लेकिन यह सीसीटीवी कितना कारगर होता है उसकी भी परीक्षा समय-समय पर होती रहती है. जिस वक्त बच्चे को ऊपर ले जाया जा रहा था या ऊपर जा रहा था उस वक्त क्या सीसीटीवी फुटेज की पहुंच से वह दूर था, या सीसीटीवी की मॉनेटरिंग करने वाले गायब थे. या सीसीटीवी फुटेज की पहुंच से वह दूर था. वैसे पता चला है कि सीसीटीवी कैमरे की हवा निकल गयी. इस कैमरे से जो लोगों की उम्मीदें थी वह पूरी नहीं हो सकी. वैसे प्रशासन द्वारा पूर्व में दावा किया गया था कि सूर्य मंदिर की सुरक्षा के लिए पर्याप्त मात्रा में सीसीटीवी लगाया गया है.नहीं मिला समय पर एंबुलेंस : टंकी में गिरने के बाद बच्चे को इलाज के लिए परिजनों द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देव में ले जाया गया. अस्पताल में ड्यूटी पर कार्यरत चिकित्सक ने बच्चे की हालत को नाजुक देखते हुए बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर किया. बच्चे को ले जाने के लिए परिजन एंबुलेंस की तलाश की, लेकिन कहीं भी एंबुलेंस नहीं मिला. परिजनों की माने तो पीएचसी में दो एंबुलेंस है लेकिन उन्हें उपलब्ध ही नहीं कराया गया. 20 मिनट तमाम कोशिशों के बाद कुछ लोगों ने प्राइवेट नैनो कार उपलब्ध कराया और फिर उसी से बच्चे को सदर अस्पताल औरंगाबाद भेजा गया. इस घटना में पीएचसी देव की भी पोल खोल कर रख दी है.मंदिर समिति ने ठेकेदार पर लगाया आरोप : देव सूर्य मंदिर परिसर में बनी पानी टंकी को खुला ही छोड़ दिया गया था. मंदिर न्यास समिति का कहना है कि निर्माण के बाद ठेकेदार द्वारा टंकी को वगैर ढके छोड़ दिया गया था. टंकी को ढकने के लिए कई बार ठेकेदार से बात की गयी, लिखित और मौखिक रूप से. लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया.
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दीपावली से पहले बुझ गया घर का दीपक
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